– संजय भाटी पर कसा शिकंजा
लखनऊ। नोएडा के चर्चित बाइक बोट घोटाले में (प्रर्वतन निदेशाालय) ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी और उसकी कंपनी की तकरीबन 104 करोड़ की संपत्ति की सीज की है। ये सम्पत्तियां नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, कानपुर और इंदौर की हैं।
चर्चित बाइक घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी ने इस पूरे मामले में जांच कर मुख्य आरोपी की सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई की है। ईडी के सूत्रों के मुताबिक आरोपी संजय भाटी की तकरीबन 104 करोड़ रुपये की सम्पत्ति जब्त की गयी।
कुल सीज की गयी 19 सम्पत्तियों मेें से 7 संपत्ति वह शामिल हैं जो अन्य लोगों के नाम खरीदी गई थीं। इसके साथ ही संजय भाटी और उसकी गर्वित इन्नोवेटिव के नाम 26 कीमती प्लाट फ्लैट को जब्त किया गया। इसके साथ ही उसके 22 बैंक खातों को भी सीज किया गया है।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक 101.45 करोड़ के मकान, फ्लैट, प्लाट और बैंक में जमा 2.28 करोड़ सीज किया गया है। इन बेनामी सम्पत्तियों का ब्यौरा ईडी ने 12 जगहों पर छापेमारी कर जुटाए। जांच में नोएडा कोऑपरेटिव बैंक से बड़े पैमाने पर धांधली भी पकड़ी गई है। बैंक कर्मियों की मिलीभगत से संजय भाटी ने मनी लॉन्ड्रिंग का खेल किया।
यहां बताते चलें कि बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी समेत 19 लोगों ने मिलकर गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड की बाइक बोट स्कीम के तहत अलग-अलग जिलों में फ्रेंचाइजी खोली। कंपनी की ओर से लोगों को निवेश के लिए आकर्षित करने की ऐसी योजना बताई गई कि इंवेस्टर्स इनके झांसे में फंस गए।
एक बाइक में 62200 रुपये का निवेश करने पर 9765 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 12 महीने तक पैसे देने का वादा किया गया। शुरूआत में काफी लोगों को पैसा दिया भी गया जिससे कंपनी के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता गया और बड़ी संख्या में लोगों ने निवेश करना शुरू कर दिया। अच्छा खासा इंवेस्टमेंट आने के बाद अचानक कंपनी गायब हो गई।
इसके बाद कंपनी के नाम पर मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों में मुकदमे दर्ज कराए गये। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई। नोएडा में इस फ्रॉड कंपनी को लेकर कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। पैसा डायवर्ट करने के मामले में दर्जनों खाते भी सील किए गये।
आखिरकार कंपनी से जुड़ी मोटर साइकिलें भी बरामद की गयीं। ये वाहन गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स के नाम से रजिस्टर्ड थे। मोटर साइकिलें बजाज कंपनी की हैं और इन पर बाइकबोट का स्टिकर भी लगा हुआ पाया गया। इनमें से ज्यादातर बाइकें नई हैं और गोदामों में ही खड़ी थीं।
इसके बाद 1500 करोड़ रुपये से अधिक के बाइक बोट घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी गयी। करोड़ों की ठगी करने वाला संजय भाटी दनकौर के पास स्थित चीती गांव का रहने वाला है। उसके पिता यूपी पुलिस के रिटायर दारोगा हैं। लव मैरिज के कारण संजय को उसके पिता ने अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया था।
वर्ष 1998 में काशीपुर से कैमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुके संजय ने जनवरी 2010 में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कंपनी खोली थी। वर्ष 2017 में बाइक बोट के नाम से स्कीम शुरू की। इसमें एक बाइक पर 62100 रुपये निवेश करने पर एक साल में 1 लाख 17 हजार 180 रुपये मासिक किस्तों में लौटाए जाने की योजना थी।
बाइक बोट स्कीम लॉन्च होने के कुछ ही दिनों में यूपी के विभिन्न जिलों से होती हुई राजस्थान, गुड़गांव, रोहतक, पानीपत, पंजाब, मध्य प्रदेश, इंदौर, महाराष्ट्र और उत्तराखंड तक फैल गई। कंपनी में 2 लाख 25 हजार से अधिक निवेशक फंसे हुए हैं। अब तक 1500 करोड रुपये से अधिक का फ्रॉड सामने आ चुका है। फिलहाल इसकी जांच सीबीआई का रही है। फरवरी माह में सीबीआई ने संजय की तलाश में कई जगहों छापेमारी की थी।





