विशेष संवाददाता लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि लोग अक्सर स्थिरता को केवल प्रौद्योगिकी समझ लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक स्थिरता सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिये सरकार द्वारा शहरों के समग्र सतत विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।मुख्य सचिव शुक्रवार को एक पंचसितारा होटल में आयोजित ‘सेकेण्ड सस्टेनेबल अर्बन इनोवेशन कॉन्क्लेव-यूपी एडिशन’ में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहरी आबादी तेजी से बढ़ रही है, और अधिक से अधिक लोग उन्नत जीवनशैली के लिए शहरी क्षेत्रों में स्थानांतरित हो रहे हैं।
यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि लोगों को टिकाऊ जीवन सुनिश्चित करने के लिए पानी, आवास, शिक्षा और ऊर्जा जैसी बुनियादी सुविधाएं मिले। अतीत में पानी कभी भी शहरी नियोजन का हिस्सा नहीं रहा है, चीजें बदलनी शुरू हो गई हैं। टेक्नोलॉजी के माध्यम से जल प्रबंधन की चुनौतियों का आसानी से सामना कर सतत विकास की प्रक्रिया को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के तेजी से विकास और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी आबादी के स्थानांतरण के साथ, एक का योगदान दूसरे के बिना पूरा नहीं हो सकता।
2022 में भारत की शहरी आबादी 50 करोड़ पार कर चुकी है, अनुमान के मुताबिक 2031 तक यह संख्या 60 करोड़ तक पहुंच जाएगी और 2051 में यह आबादी 88 करोड़ क्रास कर जायेगी, हम प्रमुख रूप से शहरी आबादी वाला देश बन जाएंगे। शहरी केंद्र आर्थिक विकास को गति दे रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के उत्पादन का शहरी क्षेत्रों में मूल्यवर्धन हो जाता है, इसलिए दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट शहरों के निर्माण से बड़े पैमाने पर विकास हुआ है जो संसाधनों की बबार्दी के बिना टिकाऊ जीवन की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री ने अपने स्मार्ट सिटी विजन के साथ हमारा मार्गदर्शन किया। इसके जरिए भारत में शहरीकरण की चुनौतियों का सामना किया जा रहा है।
मंत्र रहा है, कम से अधिक प्राप्त करना। उत्तर प्रदेश में 50 से अधिक नदियों व तालाबों को जन-आंदोलन बनाकर पुनर्जीवित किया गया। चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव रंजन कुमार ने कहा कि जनसंख्या का प्रवाह स्वास्थ्य जोखिम, परिवहन मुद्दे और प्रदूषण जैसे कई मुद्दों के साथ आता है। वायु प्रदूषण, परिवहन समस्याओं आदि का प्रबंधन शहरी स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक चुनौती है। हमें शहरों में हरित स्थान सुनिश्चित करना होगा। हमें अनुकूलन करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों की मदद से बुनियादी ढांचे को और अधिक टिकाऊ बनाने की आवश्यकता है। इन सबके बीच हमें जीवन के बारे में भी सोचना होगा।
विशेष सचिव शहरी विकास एवं जल निगम के संयुक्त प्रबंध निदेशक अमित कुमार सिंह ने कहा कि पानी राज्य में हमारी समग्र शहरी विकास योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 60 शहरों में 24 गुणा 7 नल जल आपूर्ति योजना लागू की जाएगी जो सरकार और नागरिकों दोनों के लिए एक पूरी तरह से अलग अनुभव सुनिश्चित करेगी। यह जल आपूर्ति प्रणाली टिकाऊ है क्योंकि यह नए युग की प्रौद्योगिकियों पर आधारित है। यह महत्वपूर्ण पहल वास्तव में एक ऐसी तकनीक को सक्षम बनाएगी जो टिकाऊ भविष्य के लिए शहरी, जल और ऊर्जा परिवर्तन को सक्षम बनाएगी।
कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (नमामि गंगे), जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार में महानिदेशक अशोक कुमार ने मुख्य वक्ता के तौर पर भाग लिया। इस अवसर पर आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद सहित अन्य अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।