लखनऊ। केन्द्र सरकार द्वारा 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कोरोना से निपटने के लिए और पुख्ता कदम उठाये हैं। उनकी सबसे अहम पहल आर्थिक गतिविधियां शुरू कर राजस्व बढ़ाने की है। इस दिशा में योगी ने शनिवार को टीम-11 के साथ समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि केन्द्र की गाइडलाइन के अनुरूप औद्योगिक गतिविधियां शुरू की जायें।
सुरक्षा के साथ ही आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी लायी जायें। सूबे में पन्द्रह से बीस लाख लोगों को रोजगार देने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना भी संचालित की जायें। जिसमें मनरेगा श्रमिकों को भारी संख्या में रोजगार दिया जायें। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में जनरल ओपीडी अभी संचालित न की जाए। इससे मेडिकल इन्फेक्शन को रोकने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चीनी मिलों के संचालन में संक्रमण का एक भी प्रकरण सामने नहीं आया। इसी प्रकार र्इंट-भट्ठा उद्योग भी अच्छी प्रकार चला है। इसी तर्ज पर सभी उद्योगों को चलाया जाए। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद प्रदेश में निवेश को एक नया आयाम देने के लिए एक वृहद कार्य योजना तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्बन्धित राज्य सरकारों को यह अवगत करा दिया जाए कि वे प्रवासी कामगारों, श्रमिकों की सूची लेकर तथा उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराते हुए उनकी सकुशल वापसी की प्रक्रिया प्रारम्भ करें। उन्होंने निर्देश दिये कि वापस आये सभी श्रमिकों का अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।
सभी जिलों में इन्फ्रारेड थमार्मीटर उपलब्ध कराए जाएं, ताकि प्रवासी श्रमिकों की सुगमता से जांच की जा सके। प्रवासी श्रमिकों व कामगारों की स्क्रीनिंग करते हुए स्वस्थ लोगों को 14 दिन के होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए तथा जो स्वस्थ न मिले, ऐसे श्रमिकों के उपचार की व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के क्वारंटीन प्रोटोकॉल को सुनिश्चित कराने के लिए प्रत्येक जिले में एक प्रभारी अधिकारी नामित किये जाने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि प्रभावी पुलिसिंग करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में अवैध अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्जनपदीय आवागमन न होने पाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश वापस आने वाले सभी प्रवासी श्रमिकों एवं कामगारों के नाम, पते, मोबाइल नम्बर एवं कार्य दक्षता युक्त विवरण अवश्य संकलित किया जाए।
इससे ऐसे श्रमिकों व कामगारों को रोजगार के अवसर सुलभ कराने में सुविधा होगी। उन्होंने 15-20 लाख लोगों को रोजगार के अवसर देने के लिए एक कार्य योजना तत्काल तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के आपदा काल में भी प्रदेश सरकार ने समय से 16 लाख राज्य कर्मचारियों को वेतन तथा 12 लाख रिटायर्ड कर्मियों को पेंशन दे दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में निर्णायक विजय प्राप्त करने के लिए संक्रमण की प्रत्येक चेन को तोड़ना आवश्यक है। प्रत्येक जिलें में कोविड तथा नॉन-कोविड अस्पताल चिन्हित किये जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना के मरीज का उपचार केवल कोविड अस्पताल में ही किया जाए। अन्य रोगों के उपचार की व्यवस्था नॉन-कोविड अस्पताल में की जाए।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों की इमरजेन्सी में मरीज की स्क्रीनिंग की जाए। कोरोना के लक्षण वाले रोगियों को कोविड अस्पताल में उपचारित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों अथवा छोटे बच्चों के कोरोना संक्रमित होने पर उनका उपचार एल-2 या एल-3 कोविड अस्पताल में किया जाए।
एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या में वृद्धि के लिए तेजी से कार्य किया जाए। सभी मण्डलों में एल-3 अस्पताल स्थापित किये जाएं। डॉक्टरों व पैरामैडिक्स की प्रशिक्षण व्यवस्था को जारी रखा जाए। निजी चिकित्सकों तथा आयुष के चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जाए, ताकि कोविड अस्पतालों में इनकी सेवाएं आवश्यकतानुसार प्राप्त की जा सकें।