लोहिया संस्थान में मनाया गया आर्थोडॉन्टिक दिवस
वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। टेढ़े-मेढ़े दांतों को सीधा करने के लिए अब तार नहीं लगाना पड़ रहा है। एलाइनर (नजर न आने वाली पतली शीट) के माध्यम से दांतों को सीधा किया जा सकता है। खाना खाते समय और ब्रश करते समय इसको निकाला भी जा सकता है। यह जानकारी डॉ. शैली महाजन ने दी।
गुरुवार को दंत चिकित्सा विभाग की ओर से इंडियन आर्थोडॉन्टिक सोसाइटी के सहयोग से आर्थोडॉन्टिक दिवस मनाया गया। इस मौके पर दंत संकाय की डॉ. शैली महाजन ने कहा कि मुड़े या दो दांतों के बीच में काफी स्थान होता है। इन्हें तार के सहारे ठीक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दांतों के इलाज के देरी नहीं करनी चाहिए। इससे समस्या बढ़ जाती है। वहीं नकली दांतों के इलाज के बारे में उन्होंने बताया कि नकली दांत लगाने के लिए उनकी माप बेहद जरूरी है।
परंपरागत तौर पर विभिन्न पदार्थों से तैयार शीट को मुंह में रखकर इसकी माप ली जाती है। इस प्रक्रिया में काफी दिन तक मुंह खराब रहता है। काफी लोगों को इस प्रक्रिया में उल्टी महसूस होती है। इसके बावजूद माप उतनी सटीक नहीं हो पाती है। डिजिटल स्कैनर के रूप में अब इसका विकल्प आ गया है। इस विकल्प की वजह से स्कैन के माध्यम से दांतों की सही माप ली जा सकती है। इससे दांत ज्यादा सटीक और अन्य दांतों के समान नजर आते हैं।
इस मौके पर डीन डॉ. प्रद्युम्न सिंह ने कहा कि दांतों की बीमारियों के इलाज के प्रति लोगों को जागरुक करने की जरूरत है। क्योंकि अभी भी लोग दांतों की बीमारी को तब तक गंभीर नहीं मानते जब तक दर्द बढ़ न जाए। उन्होंने कहाकि लोहिया संस्थान में दांतों का इलाज के साथ जागरुकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। ताकि दांतों की बीमारियों के प्रति लोग में संजीदगी बढ़े। कार्यक्रम में डॉ. ज्योति जैन, डॉ. पद्मनिधि अग्रवाल, रेजिडेंट्स डॉ. बबीता यादव, डॉ. श्वेता मेहता, डॉ. प्रियंवदा, डॉ. प्रियम अवस्थी, डॉ. अलीना, डॉ. दीप्ति, डॉ. प्रशंसा, अखिलेन्द्र मौजूद रहे।