लखनऊ। इस ई-पासपोर्ट में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन चिप का इस्तेमाल किया जाएगा। विदेश मंत्रालय पासपोर्ट की जालसाजी और दुरुपयोग को रोकने के लिए तैयार कर रहा है। खाका लगभग तैयार है।
पासपोर्ट में आपका स्टोर किया गया डेटा ज्यादा सुरक्षित रहेगा। इस चिप की मदद से अधिकारियों को तुरंत यात्रियों की डिटेल्स वेरिफाई करने में मदद मिलेगी। ई-पासपोर्ट जारी करने के पीछे सरकार का मकसद फर्जी पासपोर्ट के सर्रकुलेशन को घटाना है।
ई-पासपोर्ट आसानी से वेरिफाई की जा सकेगी यात्रियों की डिटेल्स, सुरक्षित रहेगा डेटा : कनिष्क शर्मा
पासपोर्ट और यात्रियों के सुरक्षित सफर को लेकर लखनऊ के क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी कनिष्क शर्मा से वॉयस आफ लखनऊ ने विशेष बातचीत की। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश 20 पेज का कापीयुक्त पासपोर्ट के आगे और पीछे वाले पेज पर यह चिप लगा होगा।
जिसको सुरक्षित रखने में परेशानी नही होगी। कभी कभी यात्रियों को विदेश जाते समय एयरपोर्ट पर इस लिए रोक लिया जाता है कि पासपोर्ट का एक कोने में दाग तक लग जाता है।
ऐसे में पासपोर्ट धारक काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चिप वाला पासपोर्ट कही भी आसानी से रखा जा सकता है। पानी में भी पासपोर्ट गिर जायेगा तो चिप में सभी जानकारी आसानी से विदेश मंत्रालय को मिल सकेगी।
पासपोर्ट बनवाने में पहले से अब में क्या अंतर हैं?
पहले पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदक सभी जिलों से लखनऊ आते थे। आवेदक को 8 फोटो देना पड़ता था इसके बाद पुलिस वेरिफिकेशन 15 दिन के अन्दर होता था अब कुछ भी जमा करने की जरूरत नही है।
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आनलाईन फार्म भरकर अपने मन मुताबिक समय के अनुसार जिले में बने डाक पासपोर्ट सेवा केन्द्र में जाकर फोटो खिचवानी होती है और एक सप्ताह के अन्दर पुलिस रिपोर्ट आ जाती है। इसमें कोई कमी नही पायी जाती है तो आवेदक को पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है।
नये आवेदनकर्ताओं के लिए आगे और क्या सुविधा मिलेगी
देखिए, फर्जी पासपोर्ट कोई न बना पाये, ऐसे में आवेदनकर्ता के सभी कागजों को जांच कर आगे की प्रक्रिया पूरी की जाती है। जबकी अन्य जो पासपोर्ट आवेदन किये है और उनके पास सभी पासपोर्ट से जुड़े कागज हो उसे पासपोर्ट के लिए परेशान न होना पड़े।
उसको समय पर पासपोर्ट दे दिया जाय। उन्होंने कहा कि फेक वेबसाईट से बचना चाहिए। विदेश मंत्रालय नये पासपोर्ट के लिए मात्र एक (https://www.passportindia.gov.in) वेबसाईट है।