लोक संस्कृति शोध संस्थान के वार्षिक पुरस्कार घोषित
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय की सेवानिवृत हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. कैलाश देवी सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सेवानिवृत संयुक्त निदेशक डा. अनिल मिश्र समेत 11 विभूतियों को इस वर्ष का लोक संस्कृति सम्मान दिया जायेगा। रविवार को लोक संस्कृति शोध संस्थान की बैठक के उपरान्त वर्ष 2024 के वार्षिक सम्मानों की घोषणा हुई।
उक्त जानकारी देते हुए संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने बताया कि लोक संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन में सतत कार्य करने वाली 11 विभूतियों को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाता है। विविध अनुशंसाओं के दृष्टिगत वर्ष 2024 के लिए सर्वसम्मति से प्रो. कमला श्रीवास्तव स्मृति लोक संस्कृति सम्मान रत्ना शुक्ला को, पद्मश्री डा. योगेश प्रवीन स्मृति लोक संस्कृति सम्मान डा. विनीत सिन्हा को, आरती पांडेय स्मृति लोक संस्कृति सम्मान गीता शुक्ला को, प्रभा श्रीवास्तव स्मृति लोक संस्कृति सम्मान उमा त्रिगुणायत को, शोभा देवी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान ज्योति किरन रतन को, रमावती देवी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान मंजू श्रीवास्तव को, सावित्री देवी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान सीमा अग्रवाल को जे.पी.लम्बोदर स्मृति लोक संस्कृति सम्मान डा. अनिल मिश्रा को सीताराम तिवारी स्मृति लोक संस्कृति सम्मान सर्वेश माथुर को पद्मश्री डा. विद्याविन्दु सिंह लोक संस्कृति ध्वजवाहक सम्मान प्रो. कैलाश देवी सिंह को तथा डा. रामबहादुर मिसिर लोक संस्कृति ध्वजवाहक सम्मान सौरभ कुमार कमल को देने का निर्णय लिया गया है। यह सम्मान आगामी 28 व 29 दिसम्बर को लखनऊ के अलीगंज सेक्टर ई स्थित कामर्शियल पाकेट ग्राउण्ड में आयोजित लोक विमर्श कार्यक्रम में प्रदान किया जायेगा जहां अवधी, भोजपुरी, ब्रज, बुन्देली, कन्नौजी, कुमाऊंनी व गढ़वाली भाषा, वहां के लोक साहित्य और लोक जीवन पर परिचर्चा के साथ ही विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।