शहर में चल रहा सेनेटाइजेशन महा अभियान
लखनऊ। कोरोना काल से लगातार लोगों की मदद के लिए सक्रिय डॉ.अखिलेश दास गुप्ता फाउंडेशन शहर के सभी मोहल्लों, गलियों, दुकानों सहित मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा व चर्च सहित सभी सावर्जनिक स्थलों पर कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आ रही चेतावनियों के मद्देनजर सैनेटाइजेशन शुरू कर दिया है, डॉ.अखिलेश दास गुप्ता फाउंडेशन कोरोना काल की पहली लहर से ही शहर में संक्रमितों के लिए एम्बुलेंस, दवा व भोजन की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए एक ओर जहां सक्रिय रहा, वहीं उसने उन परिवारों को सम्हालने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, जिनमें पति-पत्नी संक्रमित थे। बच्चों की देखभाल वाला कोई नहीं था। प्रवासी श्रमिक हो या अनाथ, सबकी मदद के अपने दरवाजे खोल दिए, जिसकी हर तरफ प्रशंसा हुई। अनेक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं ने फाउंडेशन के अध्यक्ष विराज सागर दास को सम्मानित भी किया।
डॉ.अखिलेश दास गुप्ता फाउंडेशन सामाजिक सरोकारों के लिए अपनी स्थापना काल से ही सक्रिय रहा है। झुग्गी-झोपड़ी हो या कोई धर्म समूह, जिसको जब जैसी आवश्यकता पड़ी उसके लिए फाउंडेशन खड़ा हुआ। कोरोना काल में जरूरतमंदों को आक्सीजन, एम्बुलेंस,भोजन उपलब्ध कराने का श्रेष्ठ कार्य किया। मानवीय संवेदना के साथ किया। जब लोगों में महामारी की दहशत थी। लोग अपने परिजनों के शव लेने से इनकार कर रहे थे, ऐसे द्रवित कर देने वाले संकटकाल में विरले साहस करते है। यह साहस विराज सागर दास को अपने पिता के नाम से स्थापित डॉ.अखिलेश दास गुप्ता फाउंडेशन से मिलता है।
तीसरी लहर की चेतावनी को देखते हुए फाउंडेशन पूरी गम्भीरता के साथ शहर में स्वच्छता अभियान चलाने, सेनेटाइजेशन कराने व लोगों को जागरूक करने में जुटा हुआ है, डॉ.अखिलेश दास गुप्ता फाउंडेशन व उसके स्वयंसेवक अपने अध्यक्ष विराज सागर दास के निर्देशन में दिन-रात लोगों की मदद व सैनेटाइजेशन में जुटे हैं।
फाउंडेशन के अध्यक्ष विराज सागर दास ने कहा कि अपने शहर और अपने लोगों के लिए कुछ अच्छा करते रहने की प्रेरणा पिता डॉ. अखिलेश दास गुप्ता से मिलती है, उनके नाम से स्थापित फाउंडेशन जब-जब मानवता को जरूरत पड़ेगी, उस समय पूरी संवेदनशीलता के साथ मानव सेवा के मार्ग पर अडिग रहेंगे। यह शहर अपना है। अपनों का है। यहां की सोंधी माटी का कर्ज हम पर है। इसलिए अपनों के लिए लगातार सेवा करनी है। यह हमारा नैतिक दायित्व है।