श्री खाटू श्याम मंदिर में चल रही साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा
लखनऊ बीरबल साहनी मार्ग स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर में चल रही साप्ताहिक श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिन विश्व विख्यात परम पूजनीय किरीट भाई जी महाराज द्वारा श्रीमद्भागवत कथा में भक्त प्रहलाद एवं मानव जीवन में आध्यामिक एवं सांसारिक कर्तव्यों का बोध कराया।
ब्रह्मर्षि किरीट भाई जी महाराज ने भक्त प्रह्लाद का प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा कि वरदान पाने के बाद हिरण्यकश्यप ने प्रभु नारायण के भक्तों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। लेकिन भक्त प्रह्लाद के जन्म के बाद हिरण्यकश्यप उसकी भक्ति से भयभीत हो गया और उसे मारने का बहुत बार विफल प्रयास किया। इसके बाद भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लिया। भक्त प्रहलाद ने अपने भगवान की भक्ति से संकटों का सामना किया।
मनुष्यों का क्या कर्तव्य है इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं। कथा व्यास ने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है। जबकि शरीर नश्वर है। उन्होंने कहा कि भागवत बताता है कि कर्म ऐसा करो जो निष्काम हो वहीं सच्ची भक्ति हैं। यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मों द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है, तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर दुष्टों का विनाश करते हैं।
इस अवसर पर मुख्य यजमान अतुल अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, महामंत्री रूपेश अग्रवाल, कोषाध्यक्ष आशीष अग्रवाल, अनुराग साहू, पंकज मिश्रा सहित बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।





