विशेष संवाददाता लखनऊ। खेलकूद की गतिविधियां एक खिलाड़ी के लिए उसकी रचनात्मकता का प्रतीक होती है। खिलाड़ी अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से सकारात्मक ऊर्जा और आत्मनिर्भरता के माध्यम से समाज में कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखता है, लेकिन जैसे ही उसे सरकारी सेवा में आने का अवसर मिलता है वो खिलाड़ी अक्सर प्रैक्टिस बंद कर देते हैं। आप सबको उत्तर प्रदेश पुलिस टीम का हिस्सा बनकर बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तैयार रहना है।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन के सभागार में उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के माध्यम से कुशल खिलाड़ी कोटे में चयनित 233 आरक्षियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहीं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस बल में 500 से अधिक कुशल खिलाड़ियों की भर्ती प्रक्रिया के क्रम में आज 233 खिलाड़ियों को पुलिस बल का हिस्सा बनाया जा रहा है। जिन चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया जा रहा है। इनमें 154 पुरुष तथा 79 महिलाएं खिलाड़ी सम्मिलित हैं। विगत 8 जुलाई को भी प्रदेश सरकार ने 227 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये थे, जिसमें राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘एक भारतए श्रेष्ठ भारत’ के विजन का हिस्सा है। इसके अंतर्गत एक खिलाड़ी की उन भावनाओं को सम्मान देना है, जिस भावना से खिलाड़ी अपने लिए नहीं बल्कि, अपने देश के लिए खेलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब एक खिलाड़ी देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास करता है, तो यह समाज की भी सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि किसी भी खिलाड़ी को संकीर्ण दायरे में न बांधे। प्रदेश में टोक्यो ओलम्पिक
तथा पैरालम्पिक में जिन खिलाड़ियों ने देश के लिए मेडल जीते थे, वह चाहे किसी भी राज्य के थे, प्रदेश सरकार ने उन्हें सम्मानित किया। टोक्यो ओलम्पिक के इन खिलाड़ियों को प्रदेश सरकार ने लखनऊ में सम्मानित किया और प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई। टोक्यो पैरालंपिक में जिन खिलाड़ियों ने देश के लिए मेडल जीते थे, उन्हें भी मेरठ में सम्मानित करते हुए राज्य सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई गई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 6 वर्ष के अन्दर प्रदेश में 1 लाख 54 हजार से अधिक पुलिस कार्मिकों की भर्ती प्रक्रिया सकुशल सम्पन्न हुई है। इसके अलावा 2,492 मृतक आश्रितों की भर्ती की प्रक्रिया को भी संपन्न करके उनका समायोजन किया गया है। प्रदेश में 1 लाख 29 हजार से अधिक पुलिस कार्मिकों को समयबद्ध प्रोन्नति दी गई है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश पुलिस बल में 62,400 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रचलित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन खिलाड़ियों को पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्ति पत्र वितरित किया जा रहा है, वे ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश व प्रदेश में खेलों के विकास के लिए अनेक प्रकार के कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं। इनमें खेलो इंडिया, फिट इंडिया मूवमेंट तथा सांसद खेलकूद प्रतियोगिताओं के कार्यक्रम शामिल हैं। गांव से लेकर शहर तक तथा जनपद स्तरीय प्रतियोगिताओं से लेकर राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हर जगह इस प्रकार की रचनात्मक गतिविधियां हो रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर युवा शक्ति रचनात्मक है तो राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल है। एक खिलाड़ी रचनात्मकता का प्रतीक होता है, जो अपने परिश्रम, पुरुषार्थ, मेहनत और अपनी सकारात्मक ऊर्जा से आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल ने अपने कार्यों के माध्यम से राज्य के संपूर्ण परसेप्शन को बदलने का कार्य किया है। देश में कहीं भी कोई घटना घटती है तो लोग अपराध पर नियंत्रण लगाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस बल की कार्यशैली का उदाहरण देते हैं। इसके पीछे विगत 6 वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में किए गए सुधार हैं। पूर्व में प्रदेश में निवेश एक सपना था, रिजर्व बैंक और नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में प्रदेश निवेश आकर्षित और प्राप्त करने वाला नम्बर एक राज्य है। लोगों के मन में प्रदेश का पर्सेप्शन बदला है। 1 वर्ष में 31 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश आते हैं। यह चीजें दिखाती हैं कि प्रदेश में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए युवा खिलाड़ी जब विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त करेंगे तो पुलिस की छवि में और अधिक निखार आएगा।
इसके लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है। गांव में ओपन जिम का निर्माण ग्राम प्रधान निधि के खर्च की पहली प्राथमिकता है। इससे गांव के बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ खेल भावना में अभिवृद्धि होगी। गांव के युवा खेल के मैदान में खो-खो, कबड्डी जैसी विभिन्न खेलकूद गतिविधियों से जुड़ सकते हैं। योगी ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में युवक और महिला मंगल दल का गठन कर स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराई जा रही है। अब तक 65 हजार स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराई जा चुकी हैं। अगले एक-दो वर्षों में प्रत्येक युवक और महिला मंगल दल को स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराकर प्रत्येक ग्राम पंचायत को खेल-कूद गतिविधियों का केंद्र बनाया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में दो अन्तरराष्ट्रीय स्टेडियम हैं। इनकी संख्या में वृद्धि के प्रयास किए जा रहे हैं।
वाराणसी में कार्य प्रारम्भ हो चुका है। केंद्र सरकार और बीसीसीआई के स्तर पर स्टेडियम निर्माण की कार्रवाई प्रारम्भ हो चुकी है। प्रदेश सरकार खिलाड़ियों को विभिन्न विभागों में राजपत्रित अधिकारी से लेकर अन्य विभिन्न पदों पर नियुक्ति का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में देश के लिए मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कार राशि उपलब्ध कराई जाती है। ओलंपिक एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर 6 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 4 करोड़ रुपये, कांस्य पदक पर 2 करोड़ रुपये तथा टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक पर 3 करोड़ रुपये, रजत पदक पर 2 करोड़ रुपये, कांस्य पदक पर 1 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि राज्य सरकार अपने स्तर पर प्रदान करती है।
एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक पर 3 करोड़ रुपये, रजत पदक पर डेढ़ करोड़ रुपये, कांस्य पदक पर 75 लाख रुपये की पुरस्कार राशि उपलब्ध कराई जाती है। कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक पर डेढ़ करोड़ रुपये, रजत पदक 75 लाख रुपये, कांस्य पदक पर 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। विश्व कप से जुड़ी किसी भी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक पर डेढ़ करोड़ रुपये, रजत पदक पर 75 लाख रुपये, कांस्य पदक पर 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जाती है।
ओलंपिक गेम्स में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के खिलाड़ी को प्रदेश सरकार द्वारा 10-10 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि व कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई गेम्स में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी को 5.-5 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस अवसर पर वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि इस बदले हुए माहौल में प्रत्येक व्यक्ति की नजर प्रदेश की ओर है। प्रत्येक क्षेत्र में उत्तर प्रदेश नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।
प्रदेश में खेल के लिए बजट 410 करोड़ रुपये से बढ़ाकर इस वर्ष 957 करोड़ रुपये किया गया। यह खेलों के प्रति प्रदेश सरकार की रुचि को प्रदर्शित करता है।