भारत की विविधता ही असली पहचान : डॉ. दिनेश शर्मा

लखनऊ। राष्ट्रीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना, क्षेत्रीय निदेशालय द्वारा इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ‘सुविचार एवं युवा उत्सव’ के कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने युवाओं का आहृवान किया कि वे स्वामी विवेकानंद के जीवन आदर्शो से प्रेरणा लेकर नए भारत के नव निर्माण में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि भारत एक महान संस्कृतियों वाला प्राचीन राष्ट्र है, जिसकी विविधता ही उसकी असली पहचान है। इस देश में अनेक भाषा, अनेक संप्रदाय और अनेक रीति-रिवाजों के बावजूद हम एक राष्ट्र, श्रेष्ठ राष्ट्र का उद्घोष करने वाले युवा राष्ट्र हैं। उन्होंने कहा कि 65 करोड युवाओं के साथ भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र है। भारतवर्ष को अपने युवाओं पर गर्व है और यही युवा, भारत राष्ट्र को अपनी सृजनात्मक शक्ति से पल्लवित पुष्पित कर रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री ने राष्ट्र के विकास में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा किए जाने वाले महत्वपूर्ण कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने समाज में अपने सेवा कार्य से अपनी पहचान बनाई है। विशिष्ट अतिथि के रूप में परिवहन मंत्री अशोक कटियार ने युवा उत्सव में भाग ले रहे सभी प्रतिभागियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि 21वीं सदी का युवा आज कई दृष्टि से खास है और इन्हीं युवाओं के बल पर हम एक बेहतर राष्ट्र बनाने में सफल हो पाएंगे। कार्यक्रम सत्र की अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक राय ने की। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने युवाओं से स्वामी विवेकानंद के जीवनी को पढ़ने और उस पर गहन विचार करने का आहृवान किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के जीवन घटनाक्रम की चर्चा करते हुए सकारात्मक को अपनाने हेतु स्वामी जी के जीवन से सीख लेने की बात की।

राष्ट्रीय सेवा योजना के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अशोक कुमार श्रोती ने बताया कि युवा उत्सव में देश भर के लगभग 1000 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। युवा कल्याण एवं खेल विभाग की प्रमुख सचिव डिम्पल वर्मा ने एनएसएस स्वयंसेवकों का उत्साह वर्धन किया। जल पुरुष डॉ राजेंद्र सिंह ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में युवाओं की भूमिका पर कहा कि जल का एक एक बूंद महत्वपूर्ण है और हमें उसके संरक्षण के लिए लगातार प्रयास करना है।

सकारात्मक सोच से पायी विजय : अरुणिमा सिन्हा

पद्मश्री भारत की पहली महिला दिव्यांग पर्वतारोही डॉ. अरुणिमा सिन्हा ने कहा कि एक दुर्घटना के कारण जव वे पांव गंवाकर जीवन के गहन अंधकार में भटक जाने की दिशा में थी तब उन्होंने अपने सकारात्मक ऊर्जा और सकारात्मक सोच के बल पर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर विजय प्राप्त की। प्रमुख सचिव सुश्री डिंपल वर्मा ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर डॉ. अरुणिमा सिन्हा को सम्मानित किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के युवा आइकॉन ने भी अपने विचार रखे।

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