लखनऊ। सावन के पहले बुधवार को मोहान रोड स्थित बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में भोर से ही भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। यहां हजारों भक्तों ने बुद्धेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना की। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा और बाबा के जयकारों से इलाका गूंजता रहा। भोर की आरती और पूजन के बाद मंदिर के कपाट खुले। बुधवार को दर्शनों की विशेष मान्यता के चलते आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटे। वहीं, बुद्धेश्वर महादेव मेले में भी बच्चों ने जमकर झूला-चकरी का लुत्फ उठाया। वहीं, लोगों ने मेले में लगी सैकड़ों स्टॉलों पर जमकर खरीददारी की। सावन के पहले बुधवार को बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की कतारें दूर-दूर तक लगना शुरू हो गई। कतारों में दोपहर तक महिलाओं की संख्या अधिक रही। वहीं, शाम तक पुरुष श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता रहा। लोगों को दर्शन-पूजन के लिए घंटों कतार में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। पूजा-अर्चना के बाद भक्तों ने सीता कुंड के भी दर्शन किए। रात की महाआरती में मंदिर परिसर खचाखच भरा था। भक्तों की मंदिर परिसर से बाहर तक कतार लगी रही। महाआरती के बाद मेला परवान चढ़ा। यहां लोगों ने जमकर खरीददारी करने के साथ ही स्टॉलों पर विभिन्न लजीज व्यंजनों का स्वाद चखा। बच्चों ने झूला झूले तो बड़ों ने घरेलू सामान खरीदा। आलमनगर रेलवे क्रॉसिंग से लेकर बुद्धेश्वर मंदिर चौराहे और भपटामऊ गांव के किनारे-किनारे तक लगने वाले मेले में शाम तक खूब चहल-पहल रही। हालांकि पहला बुधवार होने के चलते भीड़ पिछले साल की अपेक्षा कम रही। ट्रैफिक डायवर्जन के बावजूद कुछेक बाइक सवार मेला क्षेत्र से गुजरे तो दुकानदारों से छिटपुट कहासुनी भी हुई।
महादेव का किया अभिषेक :
बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पहले बुधवार को आस्था का सैलाब उमड़ा। मंगलवार देर रात से भक्तों के आने का सिलसिला बुधवार रात 12 बजे तक चलता रहा। पूरा दिन बम-बम भोले के जयकारों के साथ भक्तों ने भगवान शिव के दर्शन किए। वहीं, दूध, दही, शहद गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूरा, कमलपुष्प से महादेव का अभिषेक किया। दर्शन के बाद श्रद्धालुओं ने मेले में भी खूब आनंद लिया।
महाआरती के बाद भक्तों ने किये दर्शन:
श्री बुद्धेश्वर महादेव मंदिर प्रबंध समिति की अध्यक्ष व मंदिर की महन्त लीलापुरी ने बताया कि मंदिर के कपाट देर रात खोल दिए गए थे और भोर तीन बजे महाआरती हुई। महाआरती के समय भक्तों को दर्शन के लिए रोक दिया गया था। आरती होने के बाद फिर दर्शन शुरू हो गए। उन्होंने बताया कि मान्यता है कि बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में चार बुधवार को भगवान शिव का जलाभिषेक करने से सभी मनौतियां पूरी हो जाती हैं।
भारी संख्या में उमड़ते हैं शिवभक्त
हर वर्ष बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में सावन माह में लाखों श्रद्धालु दर्शन हेतु पहुंचते हैं। विशेषकर बुधवार को तो मंदिर में इतनी भीड़ होती है कि सड़कों पर यातायात भी प्रभावित होता है। प्रशासन की ओर से भीड़ प्रबंधन हेतु यातायात पुलिस और सिविल डिफेंस की सहायता ली जाती है। क्षेत्रीय पार्षद धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि नगर निगम को विशेष रूप से सफाई और जल निकासी को लेकर सचेत किया गया है और उम्मीद जताई कि जल्द ही आवश्यक कार्रवाई होगी।
बुधवार के धार्मिक महत्व की झलक
बुधवार को भगवान शिव की विशेष पूजा का महत्व शास्त्रों में वर्णित है। ऐसा माना जाता है कि बुद्धेश्वर महादेव मंदिर में बुधवार को दर्शन करने से संकटों से मुक्ति,कर्ज से छुटकारा,और संपत्ति वृद्धि जैसी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए सावन माह के प्रत्येक बुधवार को देशभर से शिवभक्त यहां उमड़ते हैं।
मेले में रही भीड़:
मेले में भी भक्तों का उत्साह देखते ही बना। जगह-जगह लगे फास्ट फूड व चाट के ठेलों पर भीड़ जुटी रही। वहीं, महिलाओं व बच्चों ने जमकर खरीदारी की। सोन पापड़ी, पट्टी व अंदरसे की गोलियों की खूब ब्रिकी हुई। साथ ही मेले में बच्चों व महिलाओें ने जाइंट वील, ब्रेक डांस, मिक्की माउस आदि झूलों का जमकर आनन्द लिया। मंदिर में शिव भक्तों की ओर से जगह-जगह भंडारे का आयोजन भी किया गया।