- जम्मू कश्मीर में अहम अग्रिम चौकी का किया दौरा, हमें अपने सैनिकों पर गर्व
- पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर में बर्फानी बाबा का किया दर्शन, पूजा-अर्चना भी की
- पाकिस्तान के किसी भी गलत कृत्य का मुंहतोड़ जवाब देने का दिया निर्देश
श्रीनगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकट एक अहम अग्रिम चौकी का शनिवार को दौरा किया और उनसे बातचीत कर जवानों का हौसला बढ़ाया। इसके पूर्व उन्होंने अमरनाथ गुफा मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की। रक्षा मंत्री के साथ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे नॉर्थ हिल चौकी पहुंचे, जहां वरिष्ठ अधिकारियों ने सीमा पर हालात के संबंध में उन्हें जानकारी दी।
सिंह ने सैनिकों के साथ बातचीत की तस्वीर पोस्ट करते हुए ट्वीट किया कि जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी के निकट एक अग्रिम चौकी का आज दौरा किया और वहां तैनात सैनिकों से बातचीत की। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमें हर हालात में देश की रक्षा करने वाले इन बहादुर और जाबांज सैनिकों पर गर्व है। इससे पहले रक्षा मंत्री ने सुबह अमरनाथ गुफा मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना की थी। उन्होंने जम्मू कश्मीर के दौरे के दूसरे दिन अमरनाथ गुफा के दर्शन किए।
श्री अमरनाथ पवित्र गुफा में पूजा अर्चना की
उनके साथ प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी थे। सिंह ने मंदिर परिसर में करीब एक घंटा बिताया। सिंह ने पवित्र गुफा में पूजा करते हुए एक क्लिप के साथ ट्वीट किया कि जम्मू कश्मीर में श्री अमरनाथ पवित्र गुफा में पूजा अर्चना करने के बाद बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं। अमरनाथ गुफा को हिंदू धर्म के पवित्रतम धर्म स्थलों में से एक माना जाता है और हर साल हजारों श्रद्धालु यहां तीर्थयात्रा पर आते हैं। सिंह ने जम्मू कश्मीर के दौरे के दूसरे दिन अमरनाथ गुफा के दर्शन किए।
राजनाथ ने सशस्त्र बलों से पाकिस्तान के किसी भी गलत कृत्य का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा है। उच्च स्तरीय बैठक में रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों से पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा पर कड़ी निगरानी रखने के लिए भी कहा। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री दो दिन के लद्दाख व जम्मू और कश्मीर के दौरे पर शुक्रवार को पहुंचे। इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी अतिक्रमण से जुड़े विवाद के बीच भारत की जवाबी रणनीतिक तैयारी का चीन को संदेश देने के लिए लेह-लद्दाख के लुकूंग सैन्य चौकी का दौरा किया।

बातचीत से हल निकालना ही दोनों देशों के हित में
रक्षा मंत्री ने चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने के साथ लेह-लद्दाख पहुंचकर जहां अग्रिम मोर्चो पर तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ाया वहीं चीन को यह संदेश भी दिया कि बातचीत से हल निकालना ही दोनों देशों के हित में है। बता दें कि शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह पहुंचकर सैनिकों से रूबरू होते हुए चीन को सीमा विवाद को लेकर बेहद कड़ा संदेश देते हुए कहा कि दुनिया की कोई ताकत भारत की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं जमा सकती। उन्होंने बेबाक रूख अपनाते हुए कहा कि अभी तक हुई बातचीत से हल निकलने की उम्मीद है। मगर विवाद का किस हद तक समाधान निकलेगा, इसकी गारंटी नहीं दे सकते।

उन्होंने यह भी कहा कि सैन्य ताकत के सहारे एलएसी को नये सिरे से परिभाषित करने की चीन की किसी हरकत का माकूल जवाब देने के लिए भारत न केवल तैयार है, बल्कि सक्षम भी है। लुकूंग सैन्य चौकी पर जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र देश है जिसने सारे विश्व को शांति का संदेश दिया है। हमने कभी किसी भी देश पर आक्रमण नहीं किया है और न ही किसी देश की जमीन पर हमने कब्जा किया है। भारत ने वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया है।
एलएसी पर अतिक्रमण को लेकर चीन से जारी तनाव और विवाद की चर्चा
एलएसी पर अतिक्रमण को लेकर चीन से जारी तनाव और विवाद की चर्चा करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए। कहां तक हल होगा, इसकी गारंटी नहीं दे सकता, लेकिन इतना यकीन जरूर दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्जा नहीं कर सकता। रक्षामंत्री ने स्पष्ट रूप से इस बयान के जरिये चीन को कड़ा संदेश दिया है कि सीमा विवाद का हल बातचीत से नहीं निकला तब भारत दूसरे विकल्पों के लिए भी तैयार होने से नहीं हिचकेगा।