डिफेंस एक्सपो : लखनऊ के आकाश में गरजेगा राफेल

लखनऊ। डिफेंस एक्सपो के लिए सेना की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं। अपने शौर्य और पराक्रम के प्रदर्शन के लिए सेना के आधुनिक हथियार और उपकरण राजधानी पहुंचने लगे हैं, लेकिन सबके आकर्षण का केन्द्र तो फ्रांस से मिला अचूक मारक क्षमता से लैस राफेल ही होगा। जब लखनऊ के आकाश पर उड़ान भरते हुए अपनी कलाबाजी दिखायेगा तो देखने वालों को अपनी सेना की क्षमता का अहसास होगा और गर्व भी।

पांच फरवरी से शुरू हो रहे एक्सपो में भारतीय सेना अपने हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन करेगी, वहीं विदेशी सेना भी अपने हथियारों को दिखाकर बताने का प्रयास करेगा कि वह बेहतर है। शहीद पथ स्थित वृंदावन कालोनी में मिग-21 बीकेटी एयरफोर्स स्टेशन से यहां पहुंचा है इसमें मिग-21 को प्रदर्शित किया जायेगा। राफेल भी बीकेटी से जल्द ही प्रदर्शन के लिए आयेगा।

राफेल

राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक जा सकता है। अधिकतम भार उठाकर इसके उड़ने की क्षमता 24500 किलोग्राम है। विमान में फ्यूल क्षमता 17000 किलोग्राम किलोग्राम है। यह दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है, जो भारतीय वायुसेना की पहली पसंद है। हर तरह के मिशन में भेजा जा सकता। 24500 किलो उठाकर ले जाने में सक्षम और 60 घंटे अतिरिक्त उड़ान की गारंटी। 150 किमी की बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल, हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल। स्कैल्प मिसाइल की रेंज 300 किमी, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी। राफेल की अधिकतम स्पीड 2130 किमी/घंटा और 3700 किलोमीटर तक मारक क्षमता। 1 मिनट में 60000 फुट की ऊंचाई और 4.5 जेनरेशन के ट्विन इंजन से लैस। 75 फीसदी विमान हमेशा ऑपरेशन के लिए तैयार हैं परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। राफेल को अफगानिस्तान, लीबिया, माली और इराक में इस्तेमाल किया जा चुका है।

मिग-21

रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा आॅपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया। भारत ने रूस से इस विमान को यहीं पर असेंबल करने का अधिकार और तकनीकी हासिल की थी। तब से लेकर अब तक इस विमान ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई अहम मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडिड वेरिएंट का इस्तेमाल करता आ रहा है। सितंबर 2018 तक वायु सेना के पास तकरीबन 120 मिग-21 विमान थे। मिग 21 सोवियत संघ का प्रोडक्ट है।

सेना का मॉडल ब्रिज और गरोडा 105 तोप सहित कई हथियार पहुंचे

हाइड्रोलिक गाड़ी में आया सेना का ब्रिज आकर्षण का केंद्र बना रहा। सेना का यह ब्रिज 30 से 45 मीटर लंबा मॉडल पुल है। डिफेंस एक्सपो में चार चांद लगाने इस ब्रिज को भी रखा जाएगा। मात्र 30 से 40 मिनट में सैनिक हाइड्रोलिक गाड़ी के जरिए 30 से 45 मीटर लंबा मॉडल पुल बनाकर तैयार कर देते हैं। पुल की मजबूती इतनी होती है कि कोई भी सेना का भारी से भारी टैंकर व तोप इससे गुजर सकती है।

आठ व नौ को दर्शकों के लिए होंगे तीन फूड कोर्ट

वृंदावन योजना में आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो में पांच से नौ फरवरी तक विजिटर के लिए पार्किंग तय कर दी गई है। साथ ही उनके लिए गेट भी आरक्षित हो गए हैं। डिफेंस एक्सपो स्थल पर आम दर्शक आठ और नौ फरवरी को एयर शो और प्रदर्शनी देखने आएंगे। डिफेंस एक्सपो स्थल पर प्रतिदिन औसतन एक से डेढ़ लाख लोगों के आने का अनुमान है। रक्षा मंत्रालय ने इसे देखते हुए कई सेक्टरों में आयोजन स्थल को बांट दिया है। लाइव डेमो के लिए जगह अलग स्थान होगा। वहीं इंडिया पवेलियन और उत्तर प्रदेश पवेलियन मेक इन इंडिया की झलक दिखाएंगे। विदेशी कंपनियों के हथियारों के मॉडल के लिए अलग स्थान तय किया गया है। इतनी बड़े आयोजन में आने वाले लोगों के खाने पीने से लेकर उनके मोबाइल नेटवर्क को मजबूत बनाने की दिशा में भी काम तेजी से चल रहा है। डिफेंस एक्सपो स्थल पर तीन फूड कोर्ट बनाए जाएंगे।

67 हजार वर्ग मीटर का लाइव डेमो एरिया

डिफेंस एक्सपो स्थल पर सेना के डेयर डेविल्स जांबाजों का भी प्रदर्शन होगा। साथ ही टी-90 और अर्जुन जैसे टैंक लाइव प्रदर्शन करेंगे। किस तरह ऊंचे नीचे हिस्से से टैंक गुजरते हुए।

29 से सील होगा वृंदावन योजना स्थल

कोई भी आम व्यक्ति 29 जनवरी से वृंदावन योजना स्थल पर नहीं जा सकेगा। इसके लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी आइडी को उसको अपने साथ रखना होगा।

शाही दावत में शामिल होंगे 50 से अधिक रक्षामंत्री

पचास से अधिक देशों के रक्षामंत्री और विदेशी राजदूत। सेना के शानदार सिंफनी बैंड की मधुर धुनें। साढ़े तीन हजार से अधिक देशी-विदेशी मेहमान। रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री की मौजूदगी में चार फरवरी को डिफेंस एक्सपो के कर्टन रेजर सेरेमनी के दौरान प्रशासन शाही डिनर देने जा रहा है।

पीजीआइ की छत से डिफेंस एक्सपो की निगरानी

संजय गांधी पीजीआइ के जी ब्लॉक की छत से सेना डिफेंस एक्सपो पर नजर रखेगी। सेना ने इसके लिए अपना काम शुरू कर दिया। इसके लिए सेना ने संस्थान प्रशासन को पत्र लिखा था जिस पर संस्थान प्रशासन ने सहमति जताई है। सेना ने कहा कि वे नौ मंजिल वाली जी ब्लॉक की छत पर सुरक्षा उपकरण स्थापित करेंगे। इस दौरान छत पर कोई नहीं आ सकेगा। केवल निर्माण विभाग के लोगों को ही अनुमति रहेगी।

12 पार्किंग में खड़े होंगे 65 सौ वाहन

यहां पर वाहनों के लिए 12 पार्किंग बनाई गई है जिसमें 65 सौ वाहन खड़े करने की व्यवस्था है।

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