15 से 19 सितम्बर तक चलेगा उर्स
उर्स में हिन्दुस्तान के कई हिस्सों से आयेंगे अकीदतमंद
दादा मियां की दरगाह भाई चारगी और अमन ओ शान्ति का मरकज: सबाहत हसन शाह
लखनऊ।हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह अलमारूफ दादा मियाँ र० अ० के 118वें सालाना उर्स का आगाज निहायत ही शानो ओ शौकत के साथ आज से आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया है। इस दरगाह की सबसे बड़ी बात ये है कि यहाँ दुनिया भर से हर मजहब और हर कौम के लोग बेशुमार तादात में अपनी अकीदत का इजहार करने के लिए इकटठा होते हैं और दादा मियों के फैजान और कमालात से मालामाल होते हैं।सज्जादा नशीन व मुतावल्ली हजरत ख्वाजा मोहम्मद सबाहत हसन शाह ने बताया कि दादा मियाँ २०अ० ने अपनी जिन्दगी के जरीये से अपने अख्लाक ओ किरदार की ऐसी मिसाल पेश की जिसकी है जिसकी रौशनी में चलकर हजारों लोग मन्जिले मकसूद से हम किनार हुये और अपनी जिन्दगियों का मकसद हासिल किये। आपने अपनी बहुत छोटी सी जिन्दगी में इतना काम कर दिखाया जिसकी मिसाल आज के जमाने में मिलना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन है। इसकी जीती जागती निसाल मुल्क व बैरूने मुल्क में लाखों की संख्या में फैले हुये आपके मुरीद और अकीदत मन्द है।
उन्होंने बताया कि आपका सिलसिला सिलसिला-ए-जहाँगीरीया है। जो सिलसिला-ए-कादिरीया, चितिया, सोहरवदीर्या, फिरदौसिया, नक्शबन्दीया, अबुलउलाईया के मजमूआ का नाम है। हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रजा शाह दादा मियाँ का हर साल पाँच रोजा उर्स बड़ी शानों शौकत के साथ हुआ करता है।इस साल ये उर्स पाक 15 से 19 सितम्बर 2025 बरोज पीर से जुमा आस्ताना दादा मियां मॉल ऐवेन्यू में होगा, जिसमें जिक्र, कुर्जान ख्वानी, मीलाद शरीफ तरही मुशायरा, चादरपोशी, हल्का ए जिÞक्र महफिले समा, आलमी सेमिनार रंगे महफिल, गुस्ल व संदल शरीफ का प्रोग्राम होगा, जिसमें शरीक होने के लिए मुल्क भर से लाखों लोग तशरीफ लायेंगे, और अपनी मुरादें हासिल करेंगे, उर्स में आये हुये लोगों की तालीम का भी खास ख्याल रखा जाता है। इसी के उपलक्ष्य में 17 सितम्बर 2025 दिन बुध को 11 वीं आलमी सेमिनार का प्रोग्राम भी होगा, जिसका उनवान अदाबे तरीकत और शाहे रजा होगा, जिसके जरिये दादा मियां की तालीम को लोंगों के सामने लाया जाएगा।इसी उपलक्ष्य में इस प्रोग्राम में शिरकत के लिए मुल्क के नामवर स्कालर तशरीफ लायेंगें जिनमें खुसूसी तौर से जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली से जनाब डॉ० वाहिद नजीर साहब तशरीफ ला रहे नहै। इसके अलावा लखनऊ व आस पास के जिले के उलमाए किराम भी तशरीफ ला रहें हैं। सेमिनार के जरीये दादा मियां की तरह जिन्दगी गुजारने का तरीका बताया व सिखाया जायेगा।
दौरे हाजिर में अगर फिरका परस्ती और ना इत्तेफाकी को दूर करना और इन्सानियत को जिन्दा रखना है तो हमें खानकाही रवादारी व सभ्यता को अपनाना पडेगा, जिससे हमारी आनेवाली नस्लों को दुश्वारियों का सामना न करना पड़े, और सच पूछिये तो खानकाहें ही वक्त की अहम जरूरत है। जिला महकमा इन्तेजामिया ने इस बार भी माकूल इन्तेजाम किये हैं। बल्कि पिछले साल से बेतहर इंतजामात किये गये हैं। जिनका हम तहे दिल से अभार व्यक्त करते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वामी लक्ष्मी शंकराचार्य,समाजसेवी मुतुर्जा अली,कुदरत उल्ला,अब्दुल वहीद,जुबैर अहमद आदि मौजूद थे।