मुंबई। चक्रवात तूफान निसर्ग के महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग पहुचंने की आशंका है। इस दौरान 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी, जिसे देखते हुए तटीय इलाकों से लोगों को निकाला गया, ट्रेनों के समय में परिवर्तन किया गया, उड़ानें रद्द की गई, मछुआरों को समुद्र में ना जाने का आदेश दिया गया और राहत कर्मी तैनात किए गए हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 72 साल बाद मुम्बई में चक्रवात आ रहा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चक्रवात निसर्ग मुम्बई से करीब 190 किलोमीटर दूर अरब सागर पर मंडरा रहा है और उसके बुधवार दोपहर एक बजे से शाम चार बजे के बीच तटीय शहर अलीबाग पहुंचने की आशंका है। विभाग की मुम्बई इकाई के उप महानिदेशक के. एस. होसालिकर ने बताया कि चक्रवात अलिबाग के दक्षिण के पास से 100-110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरेगा और इस दौरान 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवाएं चलेंगी।
उन्होंने ट्वीट किया कि निसर्ग आज तीन जून को सुबह साढ़े पांच बजे अलीबाग से 165 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में और मुम्बई से 215 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में अरब सागर पहुंचेगा। आज तीन जून दोपहर को यह महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के अलीबाग के दक्षिण से 100-110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरेगा और इस दौरान 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि मुम्बई में 20 से 40 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि पिछले 12 घंटे में कई स्थानों पर हल्की बारिश हुई है। उन्होंने एक बार फिर मुम्बई और ठाणे, रायगढ़ तथा पालघर जैसे पड़ोसी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, चक्रवात के मद्देनजर आज तीन जून को मुम्बई, ठाणे, रायगढ़ और पालघर में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। तेज हवाएं चलेंगी, समुद्र में काफी तेज लहरें उठेंगी।
मौसम विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को बताया था कि अरब सागर में कम दबाब के के क्षेत्र के कारण चक्रवाती तूफान निसर्ग के और प्रबल होने की संभावना है जो बुधवार दोपहर उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट पर पहुंचेगा और इसे पार कर जाएगा। महाराष्ट्र्र और गुजरात ने आपदा से मुकाबले के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को तैनात कर दिया है और जिन क्षेत्रों के चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है वहां से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।
कोविड-19 महामारी के संकट से पहले से ही जूझ रहे दोनों पश्चिमी राज्यों ने चक्रवात से मुकाबले के लिए कमर कस ली है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें केंद्र द्वारा हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया था। पालघर तट के पास समुद्र में मौजूद मछली पकडऩे की सभी नौकाएं भी वापस लौट आई हैं।
अधिकारी ने बताया कि पालघर से कम से कम मछली पकडऩे की 577 नौकाएं समुद्र में गईं थी और सोमवार शाम तक 564 वापस आई थीं। जिला आपदा नियंत्रण प्रमुख विवेकानंद कदम ने कहा कि तटरक्षक, नौसेना और मत्स्य विभाग से मदद मांगी गई और शेष 13 नौकाएं भी मंगलवार देर शाम किनारे पर लौट आईं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्घव ठाकरे ने मंगलवार को कहा था कि चक्रवाती तूफान के मद्देनजर एनडीआरएफ के 15 और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के चार दलों को तटीय जिलों के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया गया है।