जयपुर। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत के बाद राजस्थान में सियासी संकट का दौर जारी है। सोमवार को विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पलड़ा थोड़ा भारी नजर आ रहा है। उन्हें 107 विधायकों का समर्थन प्राप्त होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन सचिन गुट के 19 विधायकों के नामौजूद रहने के कारण यह भी माना जा रहा है कि अभी गहलौत की राह कठिन बनी हुई है।
हालांकि, राहुल गांधी के साथ ही अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की भी इन्ट्री हो चुकी है।
इस बीच, गहलौत के करीबी नेताओं के 24 ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापे डाले हैं। कांग्रेस पार्टी ने इन छापों को बदले की कार्रवाई करार दिया है। इस बीच, कहा जा रहा है कि गहलोत सरकार से खफा सचिन पायलट भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। यह पुष्टि उनके करीबियों ने की है, लेकिन उन्होंने यह भी दावा किया है कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। उनका कहना है कि अगर गहलोत के पास बहुमत है तो वो विधानसभा में इसे साबित करें, अपने विधायकों को होटल में क्यों भेज रहे हैं।
गहलोत के आवास पर विधायक दल की हुई बैठक
उधर, सत्ता संकट खत्म करने के क्रम में सोमवार को गहलौत के आवास पर विधायक दल की बैठक हुई। इसके बाद गहलोत ने अपनी सरकार सुरक्षित होने का दावा किया। बैठक के बाद वहां मौजूद सभी विधायकों को चार बसों से सीधे फेयर माउंट होटल भेज दिया गया। उनके साथ बस में बैठकर गहलोत भी गए। इससे पहले बैठक में शामिल होने वाले विधायकों को पुलिस एस्कॉर्ट के बीच सुरक्षा में लाया गया। गहलोत के साथ 96 से 98 विधायकों के आने की खबर है। हालांकि, दावा 107 का किया जा रहा है।
कांग्रेस विधायक दल ने प्रस्ताव पास किया
बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल ने प्रस्ताव पास किया। इसमें कहा गया कि सरकार के खिलाफ काम करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि भाजपा द्वारा लोकतंत्र खत्म करने की कोशिश की गई है, यह राज्य की आठ करोड़ जनता का अपमान है। विधायक दल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अशोक गहलोत के लिए समर्थन जताया। गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। हमें 109 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है।
कांग्रेस सरकार अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी
जिन विधायकों को भाजपा द्वारा जबरन रोका जा रहा है, वे वीडियो बनाएं और शेयर करें। राजस्थान में कांग्रेस सरकार अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। उधर, राजनीति के जानकार बताते हैं कि पायलट भले ही दावा करें कि उनके पास 30 विधायकों का समर्थन है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उनके खेमे में 15 विधायक ही नजर आ रहे हैं। गहलोत सरकार के कद्दावर मंत्री बाकी विधायकों से संपर्क करने की कोशिश भी कर रहे हैं।
सरकार के पास पूर्ण बहुमत : प्रताप सिंह
मुख्यमंत्री गहलोत ने रविवार रात सरकार के सभी मंत्रियों और विधायकों को सरकारी आवास पर खाने पर बुलाया था। कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार के पास पूर्ण बहुमत है। उन्होंने कहा कि डिनर में 115 विधायक डिनर शामिल हुए। इस बीच, कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि भाजपा सरकारी एजेंसियों का गलत उपयोग कर रही है। सरकार बहुमत में है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर आयकर छापों की आलोचना की। उधर, पायलट का दावा है कि उनके संपर्क में 30 से ज्यादा विधायक हैं।
इसे सही मानें तो गहलोत सरकार अल्पमत में आ जाएगी। कांग्रेस के 107 में से 30 विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 170 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 86 विधायकों की जरूरत होगी। 30 के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास 77 विधायक बचेंगे। एक आरएलडी विधायक पहले से उनके साथ है। कांग्रेस की कुल संख्या 78 होगी। यानी बहुमत से 8 कम।
आरएलपी के तीन विधायक मिलाकर भाजपा के पास 75 विधायक
उधर, आरएलपी के तीन विधायक मिलाकर भाजपा के पास 75 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए भाजपा को निर्दलीय तोड़ने होंगे। प्रदेश के 13 निर्दलीय विधायकों में फिलहाल 10 कांग्रेस समर्थक हैं। अगर इसमें से भाजपा आठ विधायक अपनी तरफ कर ले तो अपनी सरकार बना सकती है। इसी तरह, पायलट के दावे से अलग अब तक की स्थिति में 15 कांग्रेस विधायक उनके खेमे में होने की संभावना है। अगर यह सभी विधायक इस्तीफा देते हैं तो सदन में विधायकों की संख्या 185 हो जाएगी।
मौजूदा समीकरण में गहलोत गुट में 92 कांग्रेस विधायक
फिर बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 93 पर पहुंच जाएगा। मौजूदा समीकरण में गहलोत गुट में 92 कांग्रेस विधायक हैं। एक आरएलडी विधायक उनके साथ हैं और अगर कुछ निर्दलीय गहलोत के साथ रहे तो सरकार सुरक्षित रहेगी। इस बीच पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और आम्रपाली ज्वैलरी फर्म के मालिक राजीव अरोड़ा और कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स के छापे मारे गए। राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र में इन दोनों नेताओं के 24 ठिकानों पर कार्रवाई की गई।
दोनों नेता गहलोत के बेहद करीबी हैं। वे पार्टी का चुनाव प्रबंधन और फंडिग का काम देखते हैं। ईडी ने जयपुर के पास कूकस स्थित होटल फेयर माउंट में भी छापा मारा। यह होटल अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के करीबी का है। बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के जयपुर स्थित अपार्टमेंट पर रेड डाली गई। इनकम टैक्स की टीम राठौड़ के निवास पर पहुंची।सूत्रों के अनुसार, ये छापे टैक्स चोरी की शिकायत को लेकर मारे गए हैं।