नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना सिर्फ एक सोच नहीं बल्कि यह सोची-समझी आर्थिक रणनीति है। उन्होंने यहां एक वैश्विक आर्थिक गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान काफी जुझारूपन दिखाया है।
उन्होंने कहा, चाहे वायरस से लड़ाई हो या फिर आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने की बात हो, भारत ने महामारी के दौरान काफी मजबूती दिखाया। प्रधानमंत्री ने कहा, आत्मनिर्भर बनने की भारत की चाह महज एक स्वप्न नहीं होकर सुनियोजित आर्थिक रणनीति है। निवेशक सम्मेलन में दुनिया भर के 20 से अधिक शीर्ष पेंशन व संप्रभु कोषों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
मोदी ने इस मौके पर कहा कि कृषि क्षेत्र में हालिया सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, कृषि क्षेत्र में सुधारों ने किसानों के साथ भागीदारी की नई संभावनाओं को खोला है और भारत शीघ्र ही कृषि निर्यात के बड़े केंद्र के रूप में उभरेगा। भारत को वैश्विक आर्थिक वृद्धि के पुनरुद्धार का इंजन बनाने को जो भी करना होगा वह किया जाएगा। मोदी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र है, युवा जनसंख्या है और इसके साथ ही मांग और विविधता भी है।