नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखकर कोरोना वायरस के प्रकोप से निपटने में भारत की ओर से मदद की पेशकश की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पत्र में, प्रधानमंत्री ने चीन में वायरस के प्रकोप को लेकर चीनी राष्ट्रपति और वहां के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि मोदी ने समस्या से निपटने के लिए चीन को मदद की पेशकश की है। साथ ही प्रकोप से लोगों की मौत पर शोक जताया। चीनी अधिकारियों की तरफ से जारी नये डेटा के मुताबिक कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक 811 लोगों की मौत हुई है जबकि संक्रमण के मामलों की संख्या 37,198 पर पहुंच गई है।
मोदी ने हुबेई प्रांत से करीब 650 भारतीयों को निकालने में मदद देने के लिए शी के प्रति आभार भी जताया। वहीं, हांगकांग में एक पोत पर पांच दिन से रोके गए सैंकड़ों लोगों को रविवार को चालक दल के 1800 सदस्यों की जांच रिपोर्ट नकारात्मक आने के बाद जाने की इजाजत दी गई। इस बीच, कोरोना वायरस के खतरे के प्रति सबसे पहले आगाह करने और इस बात को लेकर सजा पाने वाले एक डॉक्टर की मौत से चीन में राजनीतिक सुधार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मांग उठने लगी है।
वुहान के एक नेत्र चिकित्सक ली वेनलियांग की शुक्रवार को मौत हो गई जिन्होंने एक महीने पहले सार्स जैसे विषाणु के बारे में खुलासा किया था। गौरतलब है कि ली (34) उन आठ चिकित्सकों में एक थे जिन्हें वुहान पुलिस ने कोरोना वायरस के संबंध में अफवाह फैलाने के लिए दंडित किया था। ली की मौत के बाद अकादमिक जगत से जुड़े कई लोगों ने चीन में और आजादी की मांग की है।
वहीं, चीन से एक उड़ान से पाकिस्तान पहुंचने के बाद कोरोना वायरस के लक्षणों को लेकर पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हवाई अड्डे के अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि संदिग्ध मरीज एयर एशिया की उड़ान से शुक्रवार को इस्लामाबाद पहुंचे थे।
इस विमान में 177 यात्री सवार थे। इस बीच, कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती चिंताओं के बीच एशिया के सबसे बड़े विमानन एवं रक्षा कार्यक्रम सिंगापुर एयर शो से अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन और 12 चीनी कंपनियों सहित 70 से अधिक कंपनियों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं।