यूपी में कोरोना मरीजों की संख्या 2487, आगरा में 39 व लखनऊ में 13 केस मिले

लखनऊ। सूबे में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले थमते नजर नहीं आ रहे है। सूबे में शनिवार को कोरोना संक्रमित 159 नए मामले सामने आने से अब राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,487 पहुंच गई है। आगरा में सबसे ज्यादा 39 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। लखनऊ में 13 कोरोना पॉजिटिव मिलने से सरकार की परेशानियां बढ़ गई हैं।

अब राजधानी लखनऊ में संक्रमित मरीजों की संख्या 235 पहुंच गई है। कुल सक्रिय मामलों की संख्या ।,756 है। इसमें 1129 तब्लीगी जमात के मामले सामने आये हैं। अब तक 656 लोग पूर्णतया उपचारित होकर घरों को जा चुके हैं और 43 लोगों की मौत हुई है। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने लोकभवन में पत्रकारों से बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल 159 नये मामले आये हैं।

लखनऊ में ट्रॉमा में तैनात नर्स की बहन भी संक्रमण की चपेट में आ गई है वहीं उसके पांच पड़ोसियों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा लालबाग में सब्जी विके्रता के भाई में कोरोना वायरस मिले हैं। तोपखाना में दो और गोमतीनगर विस्तार निवासी नर्स में भी कोरोना की पुष्टि हुई है। वहीं खदरा, आलमबाग और सरफराजगंज के 3 लोग भी कोरोना के शिकार हो गए हैं।

प्रसाद ने बताया कि कुल मामलों की संख्या 2,455 है जो 64 जिलों से हैं। छह जिलों में अब किसी का भी कोरोना वायरस से संक्रमण का इलाज नहीं चल रहा है। उन्होंने बताया कि कल प्रयोगशालाओं में 3,356 नमूने भेजे गये और प्रयोगशालाओं ने 4,431 नमूनों का परीक्षण किया। पृथकवास वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या।,841 है जबकि संस्थागत पृथकवास केन्द्र में 11,769 लोगों को रखा गया है।

प्रमुख सचिव ने बताया कि कल 11 प्रयोगशालाओं द्वारा 331 पूल टेस्टिंग की गयी। इसमें कुल ।,607 नमूनों की जांच की गई। उन्होंने बताया कि प्रदेश के बहर से जो कामगार और श्रमिक हमारे यहां आएंगे, आने के बाद पहले उनकी जांच की जाएगी। जो स्वस्थ पाये जाएंगे, उन्हें घर पर ही पृथकवास में 21 दिनों के लिए भेजा जाएगा। उनके घर के आगे एक फ्लायर लगाया जाएगा, जिस पर तारीख लिखी होगी।

प्रसाद ने कहा कि जिन श्रमिकों में कोरोना संक्रमण को लेकर थोडे बहुत लक्षण होंगे, उन्हें वहीं रोककर जांच कराएंगे। अगर कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई तो उन्हें तत्काल पृथकवास वार्ड में भेजा जाएगा। संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर सात दिनों के लिए रोका जाएगा और सात दिन के बाद फिर जांच होगी। अगर जांच रिपोर्ट निगेटिव आई तो उन्हें 14 दिन के लिए घर में ही पृथकवास में भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में चूंकि बडी संख्या में लोग घर में ही पृथकवास में जाएंगे इसलिए गांवों में ग्राम पंचायत के स्तर पर उनकी देखरेख में ग्राम निगरानी समिति बनेगी, जिसमें आशा कार्यकर्ता, थाने के चौकीदार और युवक मंगल दल के प्रतिनिधि होंगे और जो इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि घर में ही पृथक रखे गए लोग नियमों का सख्ती से अनुपालन करें।

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