नयी दिल्ली। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने नये मोबाइल हैंडसेट में संचार साथी ऐप इंस्टॉल होने के सरकार के निर्देशों पर चर्चा कराने के लिए राज्यसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है। कांग्रेस ने दूरसंचार विभाग के इस निर्देश को असंवैधानिक करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है। रेणुका चौधरी ने सदन में नियम 267 के तहत यह मुद्दा उठाने का आग्रह किया है, जिसके तहत सदन का सारा कामकाज स्थगित कर किसी जरूरी विषय पर चर्चा की जा सकती है।
अपने नोटिस में चौधरी ने कहा, निजता का अधिकार, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का अभिन्न हिस्सा है। दूरसंचार विभाग का स्मार्टफोन निर्माताओं और आयातकों को संचार साथी ऐप को इस तरह पहले से ही इंस्टॉल करने का निर्देश देना कि उसे हटाया न जा सके, इस मौलिक अधिकार का गंभीर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रावधान व्यापक निगरानी को सक्षम बनाता है और पर्याप्त सुरक्षा उपायों या संसदीय निगरानी के बिना नागरिकों की हर गतिविधि, संपर्क और निर्णय पर लगातार नजर रखने की आशंका पैदा करता है।
रेणुका चौधरी ने कहा, इसलिए मैं नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता को प्रभावित करने वाले इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तत्काल चर्चा के लिए सदन का सारा कामकाज स्थगित करने की मांग करती हूं। कांग्रेस के महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने सोमवार को कहा था कि निजता का अधिकार जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, बिग ब्रदर हम पर निगरानी नहीं रख सकता। यह निर्देश पूरी तरह असंवैधानिक है। कोई भी अनइंस्टॉल न किया जा सकने वाला सरकारी ऐप एक ऐसा उपकरण है, जो हर भारतीय की निगरानी कर सकता है और नागरिकों की हर गतिविधि और निर्णय पर नजर रखने का माध्यम बन सकता है।
दूरसंचार विभाग ने अपने निर्देश में कहा है कि भारत में उपयोग के लिए बनाए या आयात किए जाने वाले सभी मोबाइल फोन निर्माताओं और आयातकों को 120 दिन के भीतर अनुपालन रिपोर्ट पेश करनी होगी। विभाग ने कहा कि इन निर्देशों का पालन न करने पर दूरसंचार अधिनियम, 2023, टेलीकॉम साइबर सुरक्षा नियम, 2024 (संशोधित) और अन्य लागू कानूनों के तहत कार्वाई की जा सकती है। निर्देश तुरंत प्रभाव से लागू होंगे और जब तक संशोधित न हों या वापस न लिए जाएं, प्रभावी रहेंगे।





