रेपर्टवा फेस्टिवल सीजन 13 का तीसरा दिन
लखनऊ। रेपर्टवा फेस्टिवल सीजन 13 का तीसरा दिन जनेश्वर मिश्र पार्क में शनिवार को चरमोत्कर्ष की ओर बढ़ा, जब लखनऊ खुला आकाश के नीचे कहानियों, लयों और सांझी खुशियों के अंतिम उफान में डूब गया। यह उत्सव कलात्मक उत्साह से गूंजा, थिएटर, संगीत, साहित्य, कॉमेडी, भोजन और हस्तशिल्प को जीवंत, हृदयस्पर्शी खुले मैदान में एकजुट कर शहर के हर कोने से दर्शकों को खींच लाया।
शाब्द स्टेज पर दास्तानगोई मास्टर्स हिमांशु बाजपेयी और डॉ. प्रज्ञा शर्मा ने प्राचीन मौखिक परंपराओं को जीवंत किया, इतिहास, व्यक्तिगत स्मृतियों और आधुनिक प्रतिध्वनियों से बुनी रोचक कहानियों से शाम की शुरूआत में ही श्रोताओं को बांध लिया। उसके बाद सिंगर-सॉन्गराइटर जुस्थ ने अपने इंडी गाने जैसे हृदयस्पर्शी चोर, चिंतनशील तुम, खोजपूर्ण ढूंढता हूं और अन्य के साथ मधुर ध्वनियों व मार्मिक बोलों से गहन चिंतन, साझा नॉस्टॅल्जिया और शांत गुनगुनाहट का माहौल बनाया।
रंग थिएटर में लिलेट दुबे द्वारा निर्देशित शोभा डे की “लॉकडाउन लाइजंस” पर आधारित वोडका एंड नो टॉनिक ने महामारी काल के रिश्तों की नाजुकता को खंगाला खोया-मिला प्यार, एकाकीपन, इच्छा, भावनात्मक उथल-पुथल-पुरुष-महिला दृष्टिकोणों से घर की चारदीवारी में बुनी लघु कहानियों से, जो नाजुकता, पुनराविष्कार और परिवर्तन की कच्ची सच्चाइयां उजागर करती हैं। स्टार कास्ट में लिलेट दुबे, ईरा दुबे और जॉय सेनगुप्ता शामिल ।
महोल कॉमेडी एरिना में गौरव गुप्ता के मध्यमवर्गीय हाहाकार और पारिवारिक शरारतों पर तीखे कटाक्षों से हंसी का गुब्बारा फूटा। ताल साइलेंट डिस्को में डीजे लापता के हाउस-टेक्नो बीट्स ने हेडफोन्स से बेफिक्र नाच का जोश भरा। फूड एरिना, आर्टिसनल बाजार और बच्चन किड्स जोन में अवधी व्यंजन, शिल्प और बच्चों के लिए रचनात्मक खेलों ने तीसरे दिन को हर उम्र के लिए सांस्कृतिक भोज बनाया। साथ ही लखनऊ के खास व्यंजनों से लदे फूड स्टॉल्ज जो की खास गैस्ट्रानमी लिस्ट के हिसाब से तैयार किए गए थे, उन सभी स्टॉल्ज ने दर्शकों की जुबान को भी खूब आनंद पहुँचाया रात निखिल चिनापा के इलेक्ट्रॉनिक तूफान से चरम पर पहुंची, जहां रोशनी नाचते उत्साहीँ पर झिलमिलाई।





