गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विकास कार्यों की जिम्मेदारी सरकार की है लेकिन उन कार्यों को सुरक्षित रखने व उनके संरक्षण की जिम्मेदारी नागरिकों को उठानी चाहिए। कोई भी ऐसा कार्य न करें जो प्रकृति के या सरकार द्वारा कराए गए विकास को क्षति पहुंचाने वाली हो।
मुख्यमंत्री योगी मंगलवार शाम राप्ती नदी के राजघाट पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित महायोगी गुरु गोरक्षनाथ घाट तथा रामघाट के लोकार्पण समारोह में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने इन दोनों घाटों के साथ ही राजघाट पर सभी जरूरी सुविधाओं से युक्त नवनिर्मित अंत्येष्टि स्थल व प्रदूषणमुक्त लकड़ी व गैस आधारित शवदाह संयंत्र का भी लोकार्पण व राजघाट पर हाबर्ट बंधे से नई सीसी सड़क तक सीसी नाली व सड़क का शिलान्यास किया। इन सभी विकास परियोजनाओं की लागत 60.65 करोड़ रुपये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन की सच्चाई है कि जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी होगी। मृत्यु के बाद ससम्मान अंतिम संस्कार हो, उसकी भी व्यवस्था जरूरी है। राजघाट के पूर्व की दशा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि दो साल पहले तक राजघाट आने वालों को दस बार सोचना पड़ता था। मैं भी कई बार आया, यहां गंदगी देख मन खिन्न होता था। वहीं अंतिम संस्कार होता था, मरे हुए जानवर भी बहते थे और वहीं पर्व त्योहार पर स्नान की मजबूरी थी। अब यहां स्नान के लिए अलग और अंतिम संस्कार के लिए अलग घाट की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यहां बने घाटों को सभी लोग अच्छा बताते हैं लेकिन अब इनके संरक्षण का दायित्व जनता का है।
मुख्यमंत्री जे कहा कि सरकार ने ऐसी व्यवस्था बना दी है कि पर्व त्योहार व पवित्र स्नान काल में राप्ती में डुबकी लगाकर लोग कह सकते हैं कि हमने भी अपनी पावन गंगा में डुबकी लगाई है। लोकार्पण व शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राप्ती नदी के राजघाट पर बने श्मशान स्थल का नाम बाबा मुक्तेश्वरनाथ घाट होगा। बाबा मुक्तेश्वर धाम राजघाट के समीप ही है। कहा जाता है कि राप्ती नदी कभी बाबा मुक्तेश्वर धाम से सटकर प्रवाहित होती थी।
सीएम योगी ने कहा कि साक्षात महादेव बाबा मुक्तेश्वर मुक्ति के अधीश्वर होने के नाते इस श्मशान घाट के भी अधीश्वर हैं। नई सुविधाओं से युक्त यह घाट अब उनके नाम से जाना जाएगा। इस घाट पर लकड़ी व गैस आधारित प्रदूषणमुक्त शवदाह संयंत्र की स्थापना भी की गई है। उन्होंने कहा कि हाबर्ट बांध से यहां तक पहुंचने के लिए सड़क को ऊंची कर टू लेन बनाया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि यहां की सुंदरता से बाहर के लोग यहां के लोगों के बारे में अच्छा भाव जागृत करेंगे।
मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के विकास को लेकर हुए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि यहां विकास की ढेर सारी योजनाओं को गति दी गई है। रामगढ़ झील में जल्द ही वाटर स्पोर्ट्स की व्यवस्था होगी, झील में सी प्लेन भी उतारने का इंतजाम होगा। इस माह के अंत तक या अगले माह चिड़ियाघर की भी सौगात मिल जाएगी। बच्चों का ज्ञानार्जन के साथ मनोरंजन होगा तो बड़े भी कुछ क्षण प्रकृति के संग बिता सकेंगे। उन्होंने कहा कि सड़कें टू लेन से फॉर और सिक्स लेन तक बनाई जा रही हैं। अच्छी सड़कें विकास का आधार बनती हैं। विकास से रोजगार की संभावना बढ़ती है और पलायन रुकता है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम जिसकी पूजा करते हैं, उसके अनुरूप बनना चाहते हैं। नदी की पूजा करने पर नदी जैसी निर्मलता, अविरलता और पवित्रता का ध्येय होना चाहिए। इसी ध्येय के संदर्भ में नमामि गंगे योजना की उपलब्धि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्रयागराज में गंगा जी का जल स्नान ही नहीं आचमन योग्य है। राप्ती नदी के बारे में भी हमे ऐसा ही सोचना होगा। नदी में कचरा फेकना पाप है ऐसे में हमे संकल्प लेना होगा कि हम नदी में गंदगी नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन को भी निर्देशित किया जा रहा है कि राप्ती नदी में सीवर या ड्रेनेज नहीं गिरना चाहिए।