लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि जागरुकता के दम पर ही अगले दो-तीन सालों में राज्य से इंसेफेलाइटिस को खत्म करने में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दो वर्ष में मृतकों की संख्या में 65 फीसदी कमी लाने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केजीएमयू ट्रामा सर्जरी विभाग द्वारा इंडियन सोसाइटी ऑफ ट्रामा एंड एक्यूट केयर (आइएसटीएसी) की तीन दिवसीय नौवीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन कर रहे थे। मुख्यमंत्री का स्वागत ट्रामा सेंटर के विभागाध्यक्ष और संगोष्ठी के आयोजक प्रो संदीप तिवारी ने किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसद रहने के दौरान उन्होंने इंसेफेलाइटिस के लिए सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ी। यह लड़ाई 1998 से शुरू हुई थी। गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में उस वक्त संसाधनों की बेहद कमी थी, लेकिन आज वहां सुविधाओं को विकसित किया। यही कारण है कि दो वर्ष में मौत के आंकड़ों को 65 फीसदी कम करने में हम सफल हुए हैं।
योगी ने कहा कि पहले इंसेफेलाइटिस को अज्ञात बीमारी बताकर मरीजों को मरने के लिए छोड़ दिया जाता था। लेकिन 2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने पहली बैठक इंसेफेलाइटिस को लेकर की। लोगों को इंसेफेलाइटिस को लेकर जागरूक किया। विभागों को जोड़कर लक्ष्य निर्धारित किया तथा लोगों को बताया कि उपचार से ज्यादा बचाव महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क हादसों के आंकड़े आज किसी महामारी से कम नहीं है। हमारी सरकार सड़क हादसों को रोकने के लिए युद्घस्तर पर काम कर रही है। लोगों को जागरुक कर रही है। उन्होंने सड़क हादसों को रोकने के लिए कई बार अंतरविभागीय बैठकें कीं। बस ड्राइवरों की आंखों की जांच कराई। लोगों को जागरुक किया ताकि प्रदेश में सड़क हादसों में कमी आ सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार के सेमिनार व्यापक जागरुकता के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। सड़क सुरक्षा से जुड़े हुए सभी मुद्दों पर केजीएमयू के माध्यम से हर जनपद में इसको ले जाने की व्यापक कार्ययोजना बननी चाहिए।