स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन काम में बरती जाए पूरी तत्परता : योगी

  • कर्मचारियों की दफ्तरों में हो समय से उपस्थिति

  • समय से ना आने वालों के खिलाफ की जाये कार्यवाही

  • सभी जिलों में वेंटीलेटर्स व एचएफएनसी को चालू हालत में रखा जाये

  • हर जिले में हो डेडिकेटेड डायलिसिस मशीन की व्यवस्था

  • नहरों को रोस्टर के हिसाब से पूरी क्षमता से चलाएं

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को स्वच्छता और सेनिटाइजेशन के काम को प्रभावी तरीके से चलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सितम्बर महीने में वेक्टरजनित बिमारियों के प्रकोप की ज़्यादा सम्भावनाएं रहती है। इसके मद्देनज़र स्वच्छता और सेनिटाइजेशन की कार्यवाही में पूरी तत्परता बरती जाये। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों की दफ्तरों में समय से उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए कहा कि इस संबंध में प्रभावी मॉनिटरिंग के साथ-साथ निरीक्षण किये जायें। समय से उपस्थित न होने पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाये।

योगी ने टीम-11 के साथ अनलॉक की समीक्षा के दौरान कहा कि सभी जिलों में वेंटीलेटर्स व एचएफएनसी (हाई फ्लो नेजल कैन्युला) को चालू हालत में रखा जाये। इस संबंध में शासन को रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाये। उन्होंने कोविड अस्पतालों में डायलिसिस मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि हेपेटाइटिस-बी के मरीज़ों के लिए हर जिले में डेडिकेटेड डायलिसिस मशीन की व्यवस्था की जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने में टेस्टिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके मद्देनज़र प्रदेश में हर हाल में संक्रमण के 01.50 लाख टेस्ट प्रतिदिन किये जायें। उन्होंने कानपुर नगर, वाराणसी, प्रयागराज और गोरखपुर में मेडिकल टेस्टिंग में बढ़ोतरी करने के निर्देश दिये हैं।

योगी ने कोविड और नाॅन-कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन के कम से कम 48 घण्टे के बैकअप की व्यवस्था रखने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अस्पतालों में कम से कम 48 घण्टे की ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों से जिले स्तर के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेल्प लाइन के माध्यम से भी उनके स्वास्थ्य की लगातार जानकारी लेने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नहरों को रोस्टर के हिसाब से पूरी क्षमता से चलाया जाये, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए ज़रुरत के हिसाब से पानी मिल सके। किसानों को खाद की उपलब्धता लगातार सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि इस कार्य में कोई शिथिलता न बरती जाये। बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराते हुए किसानों को जल्द मुआवजा बांटा जाये। प्रभावित क्षेत्रों में मकान के टूटने की स्थिति में अनुमन्य राहत राशि का वितरण भी समयबद्ध ढंग से किया जाये।

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