उस्ताद शेख पुत्तन ने उन्नाव में रखी थी संगीत के प्रचार-प्रसार की नींव
शास्त्रीय गायक अंकित सिंह साथी कलाकारों ने जमाए रंग
लखनऊ। गुरु पूर्णिमा उत्सव में आजमगढ़ के शास्त्रीय गायक अंकित सिंह ने संगीतप्रेमियों को आनंदित कर दिया। उनके संगत कलाकारों ने भी अपने वादन से खूब प्रभावित किया। गुरु पूर्णिमा उत्सव का आयोजन भारतीय संगीत महाविद्यालय की ओर से संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकि सभागार में मंगलवार को हुआ। समारोह के उद्घाटन के समय संस्थान के मुखिया तबला वादक शेख इब्राहिम ने संस्थान के बारे में जानकारी दी। संस्थान के संस्थापक अपने पिता शेख पुत्तन की स्मृतियों व योगदान को साझा किया। उस्ताद अल्ला रखा, उस्ताद जाकिर हुसैन को भी नमन किया।
शास्त्रीय गायक अंकित सिंह ने कहा कि संगीत को पहचान दिलाने में दिग्गजों का योगदान रहा है। ऐसी संगीत विभूतियों ने हिंदुस्तानी संगीत को समृद्ध किया है। उस्ताद अल्ला रखा, उस्ताद जाकिर हुसैन साहब, शेख पुत्तन साहब ने हिंदुस्तानी संगीत का दुनिया में प्रचार-प्रसार किया। तबले को दुनिया में पहचान दिलाई। उन्होंने अनगिनत ऐसे बेहतरीन कलाकारों को तैयार किया, जो आज पूरी दुनिया में तबले का प्रचार-प्रसार बखूबी कर रहे हैं। संगीत जगत का शायद ही कोई ऐसा कलाकार हो जो उनके इस योगदान से परिचित न हो। इसी उस्ताद-शार्गिद परंपरा की कड़ी हैं। संस्थान के मुखिया शेख इब्राहिम ने संस्थान की यात्रा और पिता उस्ताद शेख इब्राहिम के बारे में कहीं।
मोहम्मद शेख इब्राहिम ने बताया कि उन्नाव जिले के संगीतज्ञ उस्ताद शेख पुत्तन ने जुलाई, 1967 उन्नाव में संगीत के प्रचार-प्रसार के लिए भारतीय संगीत महाविद्यालय संस्था स्थापित की। आपने विद्यालय और गुरु-शिष्य परंपरा के अंतर्गत संगीत का खूब प्रचार-प्रसार किया। संस्था से अब तक हजारों की संख्या में कलाकार शिक्षा प्राप्त कर रोजगार से जुड़े। संस्थान के कलाकार विदेशों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। संगीत का यह शेख पुत्तन के संगीत के इस ह्यइदारे का संचालन उन्नाव में निरंतर हो रहा है।
संस्थान युवा संगीतकारों को हरसंभव मदद कर उनके व्यक्तित्व का विकास कर रही हैं। संगीत की सभी विधाओं की विधिवत शिक्षा दी जाती है। पाठ्यक्रम के मुताबिक अध्ययन, अभ्यास और परीक्षाएं कराईं जाती हैं। कोई भी संगीत विषय का छात्र परीक्षा में शामिल हो सकता है। संस्था में संगीत की विभिन्न विधाओं के प्रशिक्षक शेख इब्राहिम, संजीव सिंह, ऋषभ कुमार शर्मा, सिराज अहमद, प्रखर प्रताप सिंह, अरुण मिश्रा, सम्राट राजकुमार शामिल हैं।