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यूपी सरकार ने जारी किये सिनेमा, थिएटर, मल्टीप्लेक्स के लिए गाइडलाइन
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अधिकतम 50 प्रतिशत तक की क्षमता तक खोलने की अनुमति
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कम से कम 06 फीट की शारीरिक दूरी के मानक का करना होगा पालन
लखनऊ। प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने मंगलवार को बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन्स के अनुसार 15 अक्टूबर से कन्टेनमेन्ट-जोन के बाहर सिनेमा, थिएटर, मल्टीप्लेक्स को अपनी निर्धारित क्षमता के अधिकतम 50 प्रतिशत से खोले जाने की अनुमति दे दी गयी है। उन्होंने बताया यह अनुमति कोविड-19 के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनज़र सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सिनेमा, थिएटर, मल्टीप्लेक्स के संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि गाइडलाइन्स के अनुसार सिनेमा, थिएटर, मल्टीप्लेक्स प्रबंधन से जुड़े व्यक्तियों और दर्शकों द्वारा सामान्य क्षेत्र या प्रतीक्षा क्षेत्र के बाहर कम से कम 06 फीट की शारीरिक दूरी के मानक का पालन किया जाये। हर समय फेस कवर अथवा मास्क का इस्तेमाल, समय-समय पर साबुन से हाथ धोने, सेनेटाइजर्स उपयोग और खांसते या छींकते समय टिशू पेपर, रुमाल या कोहनी का इस्तेमाल अनिवार्य रूप से किया जाये। सिनेमा, थिएटर, मल्टीप्लेक्स में आने वाले व्यक्तियों को आरोग्य सेतु ऐप के इस्तेमाल की सलाह दी जाये।
तिवारी ने बताया कि आडिटोरियम के एंट्री गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग व सेनेटाइजर्स और लाइन लगा के एंट्री व एग्जिट के लिए शारीरिक दूरी के मानक के हिसाब से सर्किल की व्यवस्था की जाये। कोविड लक्षण रहित व्यक्तियों को ही प्रवेश दिया जाये। सिंगल स्क्रीन सिनेमा में दो प्रदर्शन के बीच और मल्टीप्लेक्स में विभिन्न स्क्रीन पर प्रदर्शन के बीच और इनके मध्यान्तर अवधि एवं समाप्ति समय के बीच पर्याप्त समयान्तराल रखा जाये।
सिनेमाघरों, थिएटरों, मल्टीप्लेक्सों का उपयोग शारीरिक दूरी के मानक को सुनिश्चित करते हुये उनकी कुल बैठने की क्षमता का अधिकतम 50 प्रतिशत तक किया जाये। शारीरिक दूरी के मानक का पालन सुनिश्चित कराने के लिए एक सीट छोड़कर दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की जाये। जो सीटे बैठने के लिये निर्धारित न हों, उन्हें बुकिंग (ऑनलाइन/विंडों बुकिंग) के दौरान भी चिन्हित किया जाये और इसे सुनिश्चित करने के लिए इसे टेप या फ्लोरोसेन्ट रंग से मार्क कर दिया जाये।
इसके अलावा मुख्य सचिव ने कहा कि सिनेमाघरों, थिएटरों, मल्टीप्लेक्सों में टिकट की बुकिंग जहां तक संभव को एडवांस बुकिंग व आनलाइन बुकिंग द्वारा ही की जाये और विंडो बुकिंग में भी काॅन्टेक्टलेस या स्पर्शरहित लेन-देन जैसे ई-वाॅलेट या क्यूआर कोड स्कैनर आदि का इस्तेमाल किया जाये। कांटेक्ट ट्रेसिंग की सुविधा के लिये टिकटों की बुकिंग के समय संपर्क नंबर भी लिया जाये। शो खत्म होने पर दर्शकों को एक साथ न छोड़कर शारीरिक दूरी के मानक का पालन करते हुये क्रमबद्ध तरीके से जाने की व्यवस्था की जाये।
तिवारी ने कहा कि अलग-अलग शो के इंटरवल एक साथ न किये जायें और इस दौरान सामान्य क्षेत्रों, लाॅबी एवं वाशरूम में अधिक भीड़ से बचने के प्रयास किये जायें। खाने-पीने वाले एरिया पेय क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में बिक्री काउंटर्स रखें जायें। काउंटर्स पर शारीरिक दूरी के मानक का पालन किया जाये और जहां तक संभव को ऑनलाइन लेन-देने किया जाये। हाॅल व आडिटोरियम के अंदर रिफ्रेशमेंट बांटना बैन होगा। केवल पैक्ड फूड और पेय पदार्थों की अनुमति होगी और कचरे का सुरक्षित डिस्पोजल की व्यवस्था की जाये।
मुख्य सचिव ने बताया कि सिनेमाघर, थिएटर, मल्टीप्लेक्स एयर कंडिशन्ड होने की स्थिति में सीपीडब्ल्यूडी के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाये। तापमान सेटिंग 24-30 डिग्री सेल्सियस के बीच, सापेक्ष आर्द्रता 40-70 प्रतिशत के बीच होना चाहिये और क्रास वैंटिलेशन होना चाहिये। सिनेमाघर, थिएटर, मल्टीप्लेक्स आडिटोरियम में हर शो व स्क्रीनिंग के बाद पर्याप्त सफाई की जाये, पूरे परिसर का बार-बार विसंक्रमित किया जाये और ऐसे बिंदु जो मानव के संपर्क में बार-बार आते हैं, जैसे दरवाजे, हैण्डिल, रेलिंग आदि का समय-समय पर सेनेटाइजेशन सुनिश्चित किया जाये। लिफ्ट में भी सीमित लोगों को प्रवेश दिया जाये। अगर किसी व्यक्ति को लक्षणयुक्त या ‘पाॅजिटिव’ पाया जाता है, तो उसे तुरंत मेडिकल सुविधा दी जाये और परिसर का तत्काल विसंक्रमण कराया जाये।
सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भेजे गये दिशा-निर्देशों में उनसे अपेक्षा की गयी है कि सिनेमा, थिएटर, मल्टीप्लेक्स के संचालन के दौरान कोविड-19 से बचाव के लिए संबंधित प्रोटोकाॅल और गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किये गये दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये। किसी भी व्यक्ति (प्रबंधक या दर्शक) द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर आपदा-प्रबंधन अधिनियम, 2005 एवं आईपीसी की सुसंगत धाराओं में दिये गये प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाये।





