गोमती पुस्तक महोत्सव में बच्चों और युवाओं को मिल रहा जीवन का रास्ता

लखनऊ। रिवरफ्रंट पार्क में चल रहा गोमती पुस्तक महोत्सव पुस्तकों के साथ साहित्य और कला का उत्सव बन कर उभरा है। विद्यार्थियों के साथ ही हर आयु वर्ग के छात्र इस महोत्सव में उत्साह के साथ पहुंच रहे हैं। सोमवार को गोमती पुस्तक महोत्सव के शब्द संसार मंच पर दृष्टिबाधितों के लिए विशेष सत्र स्पर्श का अहसास : एक नया अनुभव का आयोजन किया गया। इस सत्र में आईआईटी रुड़की की सहायक प्रोफेसर स्मृति सारस्वत ने समग्रता को परिभाषित करते हुए बताया कि समग्रता हमें समान तरीके से जीने और समानता से रहना सीखाती है। स्मृति ने बच्चों से कोलाज के बारे में बताया। उन्होंने डॉ. शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी से दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को क्ले, फूल, सैंड पेपर और प्लास्टिक आदि के खिलौने दिए और कहा कि वो उसे ध्वनि, ढांचा और गंध से पहचानकर उनकी अभिव्यक्ति कर सकते हैं और उसके माध्यम से कोई कहानी बुन सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्कूल से आए बच्चों में से भी कुछ बच्चों को बुलाया और उनकी मदद से दृष्टिबाधित लोगों में से सभी ने बड़ी ही रोचक आकृतियां कमल का फूल, स्वास्तिक, पेड़ आदि बनाई और सभी ने उसके साथ कुछ न कुछ संदेश भी दिया। वहीं बाल फिल्म महोत्सव में विद्यार्थियों ने फिल्मों के प्रति काफी उत्साह दिखाया। ईरान, भारत, इटली की प्रख्यात बाल फिल्मों कासदरा (थरोली), नंबर 7, स्विंग, गिउलिया ई इल कैपोपोस्टो ने बच्चों को बाल मजदूरी भावानात्मक स्तर पर प्रभावित किया। फिल्म महोत्सव में दिखाई गई मूक फिल्म ‘स्कूल बेल’ ने बच्चों को काफी आकर्षित किया।

भूली हुई क्रांतियों से मिलाया

शब्द संसार के मंच पर आयोजित एक सत्र में अंबालिका भट ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी जानकारियां बच्चों को देते हुए बताया कि क्रांति क्या होती है। इसके साथ ही उन्होंने 1499 में पुर्तगालियों के आने से लेकर कई ऐसे क्रांतिकारियों के बारे में भी बताया जिनका इतिहास में बहुत कम जिक्र है। इस सत्र में रानी अबक्का, रानी वेलु नचियार, बिरसा मुंडा,नरसिम्हा रेड्डी जैसे और भी कई स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताया। अंबालिका ने बच्चों को चलचित्रों के माध्यम से प्लासी का युद्ध, बक्सर का युद्ध सहित स्वतंत्रता संग्राम के बारे मे भी रोचक जानकारियों से बच्चों को अवगत कराया। चौथे सत्र में सीमा वाही मुखर्जी ने कठपुतली निर्माण कार्यशाला में तोते की मिमिक्रि करके बच्चों का ध्यान अपनी ओर केंद्रित किया और आवाज बदलकर बच्चों से बात की। साथ ही उन्होंने बच्चों के अलग-अलग समूहों से कठपुतली बनवाकर गतिविधियां कराईं। वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने नाटक अजगर का मंचन करसमाज की ज्वलंत समस्याओं को दशार्या गया है।

लखनऊ की घेराबंदी से इतिहास जाना

महोत्सव में लेखकगंज के मंच पर एक सत्र कला और कविता के लेंस के माध्यम से: लखनऊ में एडवर्ड लीयर और टेनिसन की ‘लखनऊ की घेराबंदी’ पर था। जिसमें शोधकर्ता, शिक्षक और लेखक अनिंद्यो रॉय ने लखनऊ के इतिहास पर बात की। इस सत्र का संचालन शहर चन्द्रर प्रकाश ने किया। स्क्रीन के लिए सम्मोहक कहानियां सत्र में वरिष्ठ पत्रकार मनोज राजन त्रिपाठी और सुधीर मिश्र ने डिजिटल माध्यम के लिए लेखन संबंधी विचार रखे मनोज राजन ने बताया कि कहानियां नजरिए से बनती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कहानी बहुत छोटी और बहुत लंबी हो सकती है, ‘एक था राजा, एक थी रानी कहानी का उदाहरण लेकर उन्होंने ये बात समझाई। इसके अलावा यह भी बताया कि अगर किसी की जीवनी पर फिल्म बन रही है तो उसमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जिसके जीवन पर फिल्म बन रही है उनके जीवन से जुड़े तथ्यों में बदलाव न हो। इससे पूर्व पहले सत्र में मीडिया और समाज विषय पर वरिष्ठ पत्रकार सुधीर मिश्र और डा. रचना गुप्ता ने अपने विचारों को रखा।

पढ़िए डिजिटल पुस्तक निशुल्क

शब्द संसार के मंच पर आयोजित एक सत्र में विद्यार्थियों को राष्ट्रीय ई—पुस्तकालय के बारे में बताया गया। राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय या राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक डिजिटल पहल है, जो सभी भौगोलिक क्षेत्रों में शैक्षणिक पाठ्यक्रम से परे गुणवत्ता वाली डिजिटल पुस्तकों की उपलब्धता की सुविधा प्रदान करती है। ये पुस्तकें विभिन्न भाषाओं और शैलियों में उपलब्ध हैं। जिन्हें निशुल्क पढ़ा जा सकता है।

डा. अनीता भटनागर जैन ने बच्चों को दीं किताबें

डॉ अनिता भटनागर जैन, पूर्व आईएएस अधिकारी और बाल साहित्यकार जिनकी पुस्तकें अब 18 भाषाओं में उपलब्ध हैं, के द्वारा गोमती पुस्तक मेले में बच्चों के लिए स्टोरी टेलिंग सेशन किया। उन्होंने स्वरचित कहानी ‘मकाऊ का बर्थडे’ के माध्यम से, पृथ्वी का सभी प्रजातियों का घर होना,पशु पक्षियों के अधिकार, उनके प्रति संवेदनशीलता और अच्छी आदतें विकसित करने के संबंध में बताया। उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकें पुरस्कार में दी गई।

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