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छठ पूजा : खरना आज, शुरू होगा 36 घण्टे का निर्जला उपवास

लखनऊ। चार दिवसीय सूर्य उपासना का छठ पर्व का नहाय-खाय परम्परा के साथ शुभारम्भ हो गया। शनिवार को राजधानी के अलग अलग इलाकों में लोगों ने घरों की साफ-सफाई, स्नान-ध्यान और दिन में एक समय चावल और लौकी की सब्जी खाकर व्रत की शुरूआत की। वहीं गोमती तटों पर सफाई के साथ पूजा की वेदी बनाने का कार्य भी जारी रहा। इस बार छठ पूजा को लेकर लोगों की आस्था चरम पर है। लखनऊ में छठ पर्व बड़े स्तर पर तैयारियां व पूजन शुरू हो चुके हैं। शनिवार को नहाय खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरूआत हो गई है। इस दिन घर में शुद्धता का पूरा ख्याल रखते हुए घर व पूजा स्थल की सफाई, स्नान के बाद शुद्ध शाकाहारी भोजन से व्रत की शुरूआत हुई। छठ महापर्व के पहले दिन नहाय खाय में सूर्योदय से पहले उठकर महिलाओं ने आम की लकड़ी से दातून किया। फिर नहाकर व्रती लौकी, कद्दू की सब्जी, चने की दाल, चावल, सेंधा नमक, मूली आदि का प्रसाद भोजन के रूप में ग्रहण किया। संतान देने वाली छठी मैया और आरोग्य देने वाले भगवान भास्कर सूर्य की प्रार्थना की।

छठ महापर्व : शोभन योग में होगी शुरूआत, सुकर्मा योग में समापन

चार दिवसीय लोक आस्था का पर्व छठ 25 अक्तूबर को नहाय खाय के साथ शुरू होने जा रहा है। इस बार शोभन योग में भगवान सूर्यदेव की उपासना का पर्व प्रारंभ होगा। पर्व के प्रारंभ में शोभन और समापन पर सुकर्मा योग व्याप्त रहेगा। इस योग में सूर्यदेव की पूजन-अर्चन करने वाली व्रतियों की मनोकामना पूरी होगी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चार दिवसीय अनुष्ठान सूर्यदेव की पूजा का व्रत है। मुख्य पूजा 27 अक्तूबर की षष्ठी तिथि को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने की होगी। पर्व के दूसरे दिन 26 अक्तूबर को खरना में व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखकर शाम के समय मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ व नए चावल की खीर व रोटी या पूड़ी का प्रसाद बनाएंगी। प्रसाद को सूर्यदेव को अर्पित करने के बाद व्रती इसे ग्रहण करेंगी। उसके बाद 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत शुरू होगा। वेदाचार्य ने बताया कि पर्व के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि के साथ शोभन योग बन रहा है। जिसे वैदिक ज्योतिष में बहुत ही शुभ और लाभकारी योग माना जाता है। 28 अक्तूबर को उदया चलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के समय सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान सूर्यदेव की पूजा करने से कार्यों में सफलता मिलती है और किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आती है।

घाटों पर वेदियां सजाई गईं:
लक्ष्मण मेला मैदान, झूलेलाल घाट, कुड़ियाघाट समेत शहर के तमाम घाटों व अस्थायी तौर पर बनाए गए जलाशयों के पास महिलाओं व पुरुषों ने पहुंचकर सुशोभिता वेदियां बनाईं। उनकी सफाई रंगाई पुताई करके उसके आगे अपना व परिवार का नाम लिखकर आरक्षित किया। शनिवार शाम तक अधिक संख्या में घाटों व जलाशयों, अपार्टमेंटों में महिलाओं, बच्चों ने पूजन की तैयारियां कीं। छठ मैया और भगवान सूर्य की आराधना की।

नहाय खाय पर बनाया सात्विक भोजन :
अयोध्या रोड स्थित स्प्रिंग ग्रीन अपार्टमेंट निवासी अल्पना सिन्हा बताती हैं कि नहाय खाय वाले दिन सिर्फ एक समय सही से भोजन किया जाता है। शाम को फलाहार करते हैं। किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं ग्रहण किया जाता है। तकरोही निवासी प्रियंका श्रीवास्तव ने बताया कि इस दिन नारंगी सिंदूर लगाने के बाद छठ का प्रसाद बनाया जाता है। इसमें प्याज, लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता है। छठ मैया और सूर्यदेव को भोग लगाने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है। व्रती के प्रसाद को सभी सदस्य बांटकर खाते हैं। इसी दिन अगले दिन खरना की तैयारी की जाती है।

यहां भी होगी पूजा:
मनकामेश्वर उपवन घाट पर छठ पूजा होगी। महंत देव्या गिरि के सानिध्य में सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। ओम ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष धनंजय द्विवेदी के संयोजन में खदरा के शिव मंदिर घाट पर पूजन होगा। पक्कापुल स्थित छठ घाट, श्री खाटू श्याम मंदिर घाट, पंचमुखी हनुमान मंदिर घाट के अलावा महानगर पीएसी 35वीं बटालियन, मवैया रेलवे कॉलोनी, कृष्णानगर के मानसनगर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर परिसर के साथ ही छोटी व बड़ी नहर के अलावा हर इलाके में घरों में पूजा होगी।

छठ पूजा का पहला अर्घ्य:
छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती शाम को नदी या तालाब के किनारे डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अगर नदी या तालाब जाकर अर्घ्य देना संभव नहीं है तो छत पर भी जल का कुंड बनाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जा सकता है। इस दिन से व्रती दिन भर अन्न व जल ग्रहण किए बिना व्रत रखते हैं। इस बार छठ पूजा का पहला अर्घ्य यानी संध्या अर्घ्य 27 अक्टूबरअक्टूबर, सोमवार को दिया जाएगा। इस दिन सूर्यास्त शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगा।

छठ पूजा का दूसरा अर्घ्य:

छठ पर्व के आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। छठ पूजा का दूसरा अर्घ्य 28 अक्टूबर, मंगलवार को दिया जाएगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 30 मिनट पर होगा। ऊषा अर्घ्य के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रसाद व जल ग्रहण करके खोलते हैं। इसे छठ व्रत का पारण कहा जाता है।

कई विभूतियों को मिलेगा भोजपुरी गौरव सम्मान


लखनऊ। अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय के नेतृत्व में 41वां छठ महापर्व 27 एवं 28 अक्टूबर 2025 को छठ घाट, लक्ष्मण मेला मैदान, गोमती तट, लखनऊ में भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश होंगे, जो सायं 4:30 बजे भगवान सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। भूपेन्द्र चौधरी प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश, केशव प्रसाद मौर्य उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार, बृजेश पाठक उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार तथा धर्मपाल संगठन महामंत्री भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश सायंकालीन अर्घ्य देकर कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे। समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले महान विभूतियों को भोजपुरी गौरव सम्मान से सम्मानित किया जाएगा, जिनमें प्रमुख रूप से श्री राजीव कृष्ण (आई.पी.एस.) पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश, पी. गुरु प्रसाद (आई.ए.एस.) प्रमुख सचिव आवास नगर विकास एवं शहरी नियोजन उत्तर प्रदेश, विजय विश्वास पंत (आई.ए.एस.) मण्डलायुक्त लखनऊ, अमरेन्द्र कुमार सेंगर (आई.पी.एस.) पुलिस आयुक्त लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट, प्रेम कुमार गौतम (आई.पी.एस.) पुलिस महानिरीक्षक ए.टी.एस. उत्तर प्रदेश, श्री विशाख (आई.ए.एस.) जिलाधिकारी लखनऊ, प्रथमेश कुमार (आई.ए.एस.) उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण, विशाल सिंह (आई.ए.एस.) निदेशक सूचना उत्तर प्रदेश, गौरव कुमार (आई.ए.एस.) नगर आयुक्त नगर निगम लखनऊ, डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी (आई.ए.एस.) जिलाधिकारी औरैया, राजेश द्विवेदी (आई.पी.एस.) पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर, दीपक कुमार सुधीर कुमार गुप्ता शैलेन्द्र सिंह राजेश कुमार अनिल कुमार अमरेन्द्र कुमार प्रभात उपाध्याय अमोल मुरकुट (आई.पी.एस.) अपर पुलिस उपायुक्त उत्तरी जोन लखनऊ, डॉ. रवीन्द्र देव उपाध्याय अमित उपाध्याय जिया शैलेश परमार कुँवर शिवमणि रौशा निदेशक विराज वेंचर एवं प्रभारी राष्ट्रीय हिन्दू वाहिनी संगठन उत्तर प्रदेश उपस्थित रहेंगे।
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा पिछले 41 वर्षों से लखनऊ के छठ घाट लक्ष्मण मेला मैदान गोमती तट पर छठ महापर्व का आयोजन निरंतर किया जा रहा है। पहले यह पर्व बिहार और पूर्वांचल तक सीमित था, परंतु आज यह विश्वव्यापी रूप ले चुका है। लखनऊ में लगभग 15 लाख श्रद्धालु और पूरे देश में 35 से 40 करोड़ लोग इस महापर्व को श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाते हैं।
यह चार दिवसीय पर्व 25 अक्टूबर को नहाय-खाय, 26 अक्टूबर को खरना (छोटी छठ), 27 अक्टूबर को सायंकालीन अर्घ्य तथा 28 अक्टूबर को प्रात:कालीन अर्घ्य एवं पारण के साथ सम्पन्न होगा। 27 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से कार्यक्रम का शुभारंभ होगा जो रात्रि भर चलेगा। अपराह्न 3 बजे से लेकर प्रात: 8 बजे तक लगभग 200 कलाकारों द्वारा लगातार 18 घंटे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें कल्पना पटवारी, गोपाल राय, सुरेश शुक्ला, संतोष बनारसी, सुरेश कुशवाहा, एस.पी. चौहान, उमेश कनौजिया, अवधेश, विवेक पाण्डेय, दीनबन्धु सिंह, अंगदराम ओझा, परमहंस चौरसिया आदि कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे।

इस आयोजन को भव्य, दिव्य और सफल बनाने में राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय, राष्ट्रीय महासचिव मनोज सिंह, राष्ट्रीय सचिव वेद प्रकाश राय, रामयतन यादव, पी.एन. तिवारी, हनुमान यादव, संजय सिंह, मनीष पौद्दार, रामबिलास सिंह यादव, सुनील सिंह, तीरथराम, सुरेश कुशवाहा, अवधेश, अंगदराम ओझा, एस.पी. चौहान, संजय लाल यादव, उपेन्द्र राय, विजय यादव सहित अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता लगातार दो महीनों से तैयारी में जुटे हैं।

छठ पूजा को लेकर सजे बाजार सुपली, दउरा की हुई खरीदारी


लखनऊ। लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर शहर के बाजार सजकर तैयार हो चुका है। इंदिरानगर, निशातगंज, पत्रकारपुरम बाजार में महिलाएं दउरा, मिट्टी के बर्तन कलश, घैला, दीया, ढकना, सुपा, सुपली, नारियल सहित अन्य सामान की खरीदारी शुरू कर दी।
इंदिरानगर सेक्टर.17 सब्जी मंडी में सड़क किनारे छठ से संबंधित दुकानें खुल गई। बांस से बने सूप 45.50 रुपये प्रति पीस बिक रहा है। चूल्हे की कीमत 80.100 रुपये के बीच है। दुकानदार अमित कुमार ने बताया कि सूप और दउरा की कीमतों में इस साल पिछले साल की तुलना में इजाफा हुआ है। सूप जहां 45 से 60 रुपए प्रतिपीस बिक रहा है। वहीं दउरा की कीमत उसके आकार और बनावट के आधार पर तय है। दउरा 100 से लेकर 180 पीस तक बाजार में उपलब्ध है। छठ पूजा में मिट्टी के हाथी का विशेष महत्व है। ऐसे में बाजार में सुंदर.सुंदर मिट्टी के हाथी की बिक्री खूब हो रही है। इसके अलावा मिट्टी के चूल्हे की कीमतों में भी वृद्धि देखी जा रही है। वहीं मंडियों में कच्ची हल्दी, कच्चा अदरक, कच्चा नारियल, कच्चा केला, आंवला, सीताफल, मूली हर चीज से बाजार गुलजार है।

फल व सब्जियों की दुकान पर दिखने लगी रौनक:
राजधानी में छठ की पूजा की रौनक दिखने लगी है। सूर्य उपासना के इस पर्व को लेकर बाजार में भी तैयारियां शुरू हो गई हैं। पूजन में मौसमी फल सरीफा केला, अमरुद, सेब, अनन्नास, सूथनी हल्दी, अदरक, सिंघाड़ा, सूप व गन्ने का प्रयोग होता है। बांस की टोकरी में व्रती के पति या बेटा बांस की टोकरी में 6, 12 व 24 की संख्या में फल रखकर घाट तक जाते हैं। छठ गीतों के साथ परिवार के लोग भी व्रती के साथ जाते हैं। 36 घंटे के निर्जला व्रत का समापन 11 को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर होगा। कुछ स्थानों पर इसे डाला छठ भी कहते है। आलमबाग, निशातगंज, इंदिरानगर व राजाजीपुरम सहित सभी बाजारों में दुकानदार तैयारियों में जुटे हैं। इंदिरानगर की ममता ने बताया कि वह 15 सालों से व्रत कर रही है। इस व्रत की बहुत मान्यता है। उन्होंने की वह अकेली ही व्रत करती हैं इसीलिए थोड़े सामान की आवश्यकता होती है लेकिन इस व्रत में कई प्रकार के फल, सब्जियों के साथ पूजा की जाती है। इस साल हर सामान थोड़ा मंहगा है। दुकानदार शोभित ने बताया कि अभी तक कम लोग आ रहे हैं खरना के दिन से ज्यादा खरीददारी शुरु होती है ताकि सब्जियां और फल ताजा मिले। ग्राहक एक दुकान पर रुक कर सारा सामान खरीदना पसंद करते हैं।

गन्ने से लेकर डलिया-सूप की हुई खरीदारी:
बाजारों में भी शनिवार को भीड़ नजर आई। मौसमी फल व सब्जियों के साथ ही गन्ना, कच्ची हल्दी, नारियल, सिंघाड़ा, मूली, सूप व बांस की डलिया के साथ ही अन्नास व नीबू सहित छठ मइया को चढ़ने वाले सामानों की खरीदारी की गई। निशातगंज, आलमबाग, डालीगंज, महानगर, राजाजीपुरम, भूतनाथ, आशियाना व कृष्णानगर समेत सभी इलाकों की बाजारों में भीड़ रही।

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