चैत्र नवरात्र आज से, शुभ योग में घर-घर पधारेंगी मां भवानी

लखनऊ। ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक अप्रैल को हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2082 का आरंभ होगा इस दिन सर्वार्थ अमृत सिद्धियोग बन रहा है। रविवार से नववर्ष का आरंभ होने से इस वर्ष के राजा सूर्य होंगे नवग्रहों के मंत्री मंडल में वर्ष के मंत्री का भी पद सूर्य को ही प्राप्त हुआ है। चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष के आरंभ के समय मीन राशि में 6 ग्रहों का योग बन रहा है। सूर्य, चंद्रमा, बुध, शुक्र, शनि और राहु सभी 6 ग्रह एक साथ मीन राशि में गोचर करेंगे। दैनिक योगों में ऐंद्र योग रात्री 7:40 तक रहेगा। सर्वार्थसिद्धियोग प्रात: 6:14 के बाद से आरंभ होगा। यह योग दिन में 2:14 तक रहेगा। इन योगों में ही हिन्दू नववर्ष 2082 का आरंभ और नवरात्रि का कलश स्थापन होगा। इस कारण कलश स्थापन सूर्योदय से दिन में 2:14 बजे तक ही है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्रि का आरंभ होता है ’ घर घर कलश स्थापन, चंडी पाठ व उपासक लोग व्रत और उपवास करते हैं। पूजा पंडालों में सप्तमी तिथि को मां दुर्गा की स्थापना की जाती है।

हाथी पर सवार होकर आ रही हैं दुर्गा मां, आठ दिन के होंगे नवरात्र
इस बार चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी। तृतीय तिथि का क्षय होने की वजह से नवरात्र आठ दिवसीय होगी जिसकी शुरूआत 30 मार्च से हो रही है। छह अप्रैल को नवरात्र का अंतिम दिवस होगा। चैत्र नवरात्र का प्रारंभ चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है और समापन नवमी को किया जाता है। इस बार 30 मार्च दिन रविवार से चैत्र नवरात्र की शुरूआत हो रही है, जिसका समापन छह अप्रैल रविवार को ही होगा। इस बार चैत्र नवरात्र आठ दिन की होगी, तृतीया तिथि का क्षय हो रहा है। प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 29 मार्च को शाम 04:27 बजे से होगा और प्रतिपदा तिथि 30 मार्च को दिन में 12:49 बजे समाप्त होगी।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त-
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है। 30 मार्च रविवार को कलश स्थापना प्रात:काल से मध्याह्न 2.25 तक। अभिजीत मुहूर्त (मध्याह्न) 11 बजकर 24 मिनट बजे से 12 बजकर 36 मिनट तक। श्रद्धालुओं को शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापन करनी चाहिए। यह शुभ फलदायक होगा।

कलश स्थापना के लिए मिलेगा 50 मिनट का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 13 मिनट से शुरू होगा और सुबह 10 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। घटस्थापना की शुभ अवधि 04 घंटे 08 मिनट की है।

घटस्थापना का अभिजित मुहूर्त- कलश स्थापना का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर प्रारंभ होगा और दोपहर 12 बजकर 50 मिनट मिनट पर समाप्त होगी। अभिजित मुहूर्त की कुल अवधि 50 मिनट रहेगी।

प्रतिपदा तिथि कब से कब तक रहेगी:
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को दोपहर 04 बजकर 27 मिनट पर प्रारंभ होगी और प्रतिपदा तिथि का समापन 30 मार्च 2025 को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा।

चैत्र नवरात्रि पर बन रहे ये 5 शुभ योग, एक तिथि का क्षय भी

चैत्र नवरात्रि हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होते हैं और नवमी तिथि को समापन होता है। इस साल चैत्र नवरात्रि का त्योहार 30 मार्च से शुरू होगा और छह अप्रैल तक मनाया जाएगा। नवरात्रि के दिनों में पांच विशेष योग बनने और माता की सवारी हाथी होने के कारण इस बार की नवरात्रि सुख-समृद्धि से परिपूर्ण होगी। तृतीय तिथि का क्षय होने के कारण 31 मार्च को माता के द्वितीय और तृतीय स्वरूप की पूजा एक साथ की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार नवरात्रि में सर्वार्थ सिद्ध, इंद्र, बुधादित्य, शुक्रादित्य, लक्ष्मी नारायण योग बनने से नवरात्रि विशेष फलदायक होगी। हालांकि चैत्र नवरात्रि में कालसर्प योग बनने से कुछ राशियों पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ने की संभावना है।

पूजा करें विधि पूर्वक, होगा सकल कल्याण:
पं. बिन्द्रेस दुबे कहते हैं कि सर्वप्रथम नवीन वस्त्र धारण कर एक चौकी पर श्वेत वस्त्र बिछाकर उस पर हल्दी या केसर के रंगे हुए अक्षत से अष्टदल कमल बना कर उसके मध्य ब्रह्मा जी की मूर्ति या फोटो स्थापना करें। इसके बाद उनका षोडशोपचार पूजन करें। इसके पश्चात अन्य देवी-देवताओं, यक्ष, राक्षस, गंधर्व, ऋषि, मुनि, मनुष्य, नदी, पर्वत, पशु-पक्षी, कीटाणु का पूजन कर प्रार्थना करें। माता दुर्गा की आराधना शुरू कर इस दिन से सायंकालीन उपवास करना अनिवार्य हो जाता है। वासंतिक नवरात्र इसी दिन से शुरू की जाती है। इस दिन दुर्गा पूजा की घट स्थापना के साथ नवरात्र का पूजा पाठ करें।

आज होगी प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा
लखनऊ। नवरात्र का पहला दिन मां भगवती के प्रथम स्वरुप मां शैलपुत्री को समर्पित है। मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं इसलिए इन्हें पार्वती एवं हेमवती के नाम से भी जाना जाता है। मां शैलपुत्री का वाहन वृषभ है, इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल एवं बाएं हाथ में कमल पुष्प है। भक्तगण मां शैलपुत्री की आराधना कर मन वांछित फल प्राप्त करते हैं। मां दुर्गा को मातृ शक्ति यानी करूणा और ममता का स्वरूप मानकर पूजा की जाती है। अत: इनकी पूजा में सभी तीर्थों, नदियों, समुद्रों, नवग्रहों, दिग्पालों, दिशाओं, नगर देवता, ग्राम देवता सहित सभी योगिनियों आमंत्रित होती हैं। कलश स्थापना के समय इन सभी का आह्वाहन किया जाता है और विराजने के लिए प्रार्थना की जाती है। मां शैलपुत्री कि आराधना से मूलाधार चक्र जागृत होता है, यहीं से योग साधना का आरम्भ भी माना जाता है। कलश में सात प्रकार की मिट्टी, सुपारी और मुद्रा सादर भेट की जाती है। पांच पल्लवों से कलश को सुशोभित किया जाता है। इस कलश के नीचे सात प्रकार के अनाज और जौ बोये जाते हैं और दशमी तिथि को इन्हें काटा जाता है।

रंगीन झालरों से सजे मंदिर, फूलों से होगा माता का दिव्य शृंगार


लखनऊ। चैत्र नवरात्र पर शहर के मंदिरों में भव्य तैयारियां चल रही हैं। रंग बिरंगी चमकीली झालरों, रंगीन लाइटों व डिस्को लाइट से सजावट का काम पूरा हो चुका है। पुलिस के सहयोग के साथ ही मंदिर प्रशासन भी अपनी ओर से सेवादारों, सुरक्षा गार्डों आदि की ड्यूटी लगा चुका है। महिला और पुरुषों के दर्शन के लिए अलग-अलग लाइन से दर्शन कराए जाएंगे। मंदिरों में भजन, कीर्तन के साथ भंडारा व प्रसाद वितरण का आयोजन होगा। शहर के संदोहन देवी, छोटी कालीजी, नंदना 51 शक्तिपीठ, टड़ियन देवी समेत कई प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना होगी।

इक्यावन शक्तिपीठ में नवरात्र उत्सव आज से:
आशीष सेवा यज्ञ न्यास व नवरात्र महोत्सव सेवा समिति की एक आवश्यक बैठक को नन्दना बीकेटी के इक्यावन शक्तिपीठ में सम्पन्न हुई। अध्यक्ष तृप्ती तिवार ने बताया कि नवरा़त्र महोत्सव का आयोजन 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक किया जायेगा। नवरात्र में प्रतिदिन अलग.अलग रंगों से श्रंगार व सजावट होगी। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन आचार्य के सानिध्य में पीण्डी पूजन होगा।

चौक में माता का दिव्य शृंगार:
चौक स्थित प्राचीन बड़ी काली जी मंदिर के पुजारी शक्तिदीन अवस्थी ने बताया कि मंदिर को लाइटों से सजाया जा रहा है। नवरात्र महोत्सव में मंदिर के कपाट भक्तों के लिए तड़के 4:30 से रात 12 बजे तक खुले रहेंगे। मंदिर में अलग.अलग दिन मातारानी का फल, मेवा, फूल आदि से भव्य श्रृंगार होगा। साथ ही भंडारे का प्रसाद वितरित होता रहेगा।

कालीवाड़ी में विशेष इंतजाम:
कैसरबाग घसियारी मंडी स्थित कालीवाड़ी मंदिर मैनेजिंग कमेटी के सभापति गौतम भट्टाचार्या ने बताया कि परिसर से करीब 200 मीटर तक पूरी गली को लाइट, झालर से सजाया जा रहा है। भक्तों के दर्शन, पूजन आदि के लिए मंदिर सुबह सात से दोपहर एक बजे और शाम चार से रात 10 बजे तक खुलेगा। दोपहर एक से शाम चार बजे तक मंदिर सफाई आदि के लिए बंद रहेगा।

फूलों से सजा चंद्रिका देवी मंदिर:
बीकेटी स्थित मां चंद्रिका देवी मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है। मां चंद्रिका देवी मेला विकास समिति के अध्यक्ष व मीडिया प्रभारी नागेंद्र चौहान ने बताया कि मुख्य दरबार को लाइटों से सजाया गया है। रोजाना अलग.अलग भक्त की ओर से मां का दिव्य श्रृंगार होगा। नवरात्र पर लगने वाले विशाल मेला व मां के दर्शन को सीतापुर, बाराबंकी समेत कई जिलों भक्त आते हैं।

भोर में खुल जाएंगे शीतला मंदिर के कपाट:
राजाजीपुरम के टिकैतराय तालाब के सामने मेहंदीगंज स्थित शीतला माता मंदिर में पहले दिन तड़के चार बजे भक्तों के लिए कपाट खुल जाएंगे। शीतला माता मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सुनील सैनी ने बताया कि परिसर को लाइटों, फूलों से सजाया गया है। इस प्राचीन मंदिर में रोजाना भजन, गीत की प्रस्तुति होगी। साथ ही भक्तों को प्रसाद वितरण किया जाएगा।

शास्त्रीनगर दुर्गा मंदिर में लाई गई मां ज्वाला की ज्योत:
शास्त्रीनगर स्थित दुगार्जी मंदिर में सोमवार से नवरात्र उत्सव का शुभारंभ हो गया। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से मां ज्वाला देवी मंदिर से ज्योत लखनऊ लाई गई। शाम को चारबाग स्टेशन पर मां के भक्तों ने जयकारों के साथ ज्योत का स्वागत किया। इसके बाद फूलों से सजे-धजे रथ पर ज्योत को रखकर शास्त्री नगर स्थित मंदिर लाया गया। इस शोभा यात्रा में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। मंदिर में ज्योत को स्थापित किया गया। मंदिर के प्रबंधक राजेन्द्र गोयल ने बताया कि 18 अप्रैल को ज्योत का विसर्जन किया जायेगा। मंदिर के आसपास मेला लगना शुरू हो गया है।

बाजारों में श्रद्धालुओं ने दिनभर की खरीदारी


लखनऊ। चैत्र नवरात्र को लेकर बाजारों, घरों और मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी देवी मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया गया है। नौ दिनों तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए मंदिरों में विशेष प्रबंध किए गए हैं। देवी मां की पूजा-अर्चना को लेकर लोग जहां बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं, वहीं बाजार भी नवरात्र से जुड़े सामान से सजे हैं। लखनऊ में चंद्रिका देवी मंदिर, चौक स्थित बड़ी काली जी मंदिर, लालबाग स्थित काली बाड़ी सहित अन्य देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ जुटने की संभावना के मद्देनजर पूरी तैयारियां की गई हैं।

फलाहार में खाने वाली सब्जियों के दाम आसमान पर:
फलाहार में खाने वाली सब्जियों के दाम नवरात्र शुरू होते ही आसमान पर पहुंच गए हैं। इन दिनों लौकी, कद्दू, परवल, भिंडी आदि सब्जियों के दाम में तेजी से इजाफा हुआ है। लौकी 40 रुपये, कद्दू 30 रुपये, परवल 120 रुपये व भिड़ी का दम 80 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। अभी हरी सब्जियों के दाम में और इजाफा होने की उम्मीद है।

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