केंद्र ने की 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण शुरू करने से पहले समीक्षा बैठक

नई दिल्ली। देश में एक अप्रैल से 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए कोविड-19 रोधी टीकाकरण की तैयारियों के बीच केंद्र ने बुधवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ समीक्षा बैठक की तथा उनसे ऐसे क्षेत्रों की पहचान करने को कहा जहां टीकाकरण कराने वाले लोगों की संख्या कम है। इसने खास तौर पर ऐसे जिलों को भी चिह्नित करने को कहा जहां संक्रमण के नए मामलों में वृद्धि हो रही है।

केंद्र ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं कोविड टीकाकरण अधिकारप्राप्त समूह के अध्यक्ष डॉ. आर एस शर्मा और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशकों और टीकाकरण अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

मंत्रालय ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में देशभर में टीकाकरण अभियान और अप्रैल 2021 की तैयारियों (जब 45 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण किया जाएगा) की समीक्षा की गई। बयान में कहा गया कि बैठक में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से यह भी कहा गया कि वे ऐसे क्षेत्रों, जहां लोगों ने कम टीकाकरण कराया है, तथा खास तौर पर ऐसे जिलों को चिह्नित करें जहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है।

इसमें कहा गया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उचित कार्वाई करने को भी कहा गया। बैठक में स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के टीकाकरण के बारे में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी गई कि संबंधित श्रेणियों में केवल लाभार्थियों का ही पंजीकरण और टीकाकरण हो। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से निजी कोविड टीकारकण केंद्रों में क्षमता इस्तेमाल की नियमित समीक्षा करने को भी कहा गया।

बयान में कहा गया कि उनसे इस तरह के और प्रतिष्ठानों की आवश्यकता का पता लगाने के लिए निजी टीकाकरण केंद्रों का जीआईएस विश्लेषण करने तथा निजी टीकाकरण केंद्रों की टीका आपूर्ति और दिशा-निर्देश संबंधी आशंकाओं का समाधान करने को भी कहा गया। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी गई कि प्रशीतन केंद्रों या निजी टीकाकरण केंद्रों में आवश्यकता से अधिक भंडारण या कम भंडारण से बचने के लिए टीकों की आपूर्ति खपत के आधार पर हो।

मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि उनसे टीकों के भंडार तथा खपत की नियमित समीक्षा करने को भी कहा गया। केंद्र ने राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी कि टीकों के बेकार होने की दर एक प्रतिशत से नीचे रहे जो वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर छह प्रतिशत है। उनसे यह भी कहा गया कि वे टीकों के भंडार का समय पर इस्तेमाल कर लें जिससे कि टीकों की समापन अवधि की समस्या से बचा जा सके तथा टीकों की खपत के विवरण को-विन और ई-विन पोर्टलों पर अद्यतन करें। डॉ. शर्मा ने कहा कि टीकों के भंडारण और प्रचालन में कोई समस्या नहीं है। उन्होंने जोर देकर पुन: कहा कि दूसरी खुराक के लिए टीकों का भंडार रखने की कोई अहमियत नहीं है और राज्य मांग आने पर सभी सरकारी तथा निजी अस्पतालों को टीकों की तत्काल आपूर्ति करें।

RELATED ARTICLES

यूजीसी ने रैगिंग रोधी मानदंडों को लेकर 18 चिकित्सा महाविद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया

नयी दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रैगिंग रोधी नियमों का अनुपालन न करने पर 18 चिकित्सा महाविद्यालयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया...

भारतीयों को निर्वासित किए जाने की प्रक्रिया कोई नयी नहीं है, राज्यसभा में बोले जयशंकर

नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि अमेरिका में बिना दस्तावेजों के रह रहे भारतीयों को निर्वासित किए...

पाकिस्तान से पहली बार महाकुंभ आया श्रद्धालुओं का जत्था, सनातन संस्कृति देखकर अभिभूत हुए

महाकुंभनगर। सोशल मीडिया पर महाकुंभ की दिव्यता के बारे में देख-सुनकर पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हिंदू श्रद्धालु खुद को यहां आने से रोक...

Latest Articles