नई दिल्ली। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और विश्विवद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि छात्रों के हितों को ध्यान मं रखते हुए 12वीं कक्षा की पूरक परीक्षाओं के नतीजे 10 अक्ट्रबर तक ही घोषित कर दिए जाएंगे और स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश महीने के अंत तक होंगे।
शीर्ष अदालत 12वीं कक्षा की पूरक परीक्षा के नतीजे आने तक कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया बंद हो जाने की संभावना को देखते हुए दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने भी सूचित किया कि स्नातक छात्रों के लिए नया सत्र 31 अक्टूबर से शुरू किया जाएगा और उस समय तक पूरक परीक्षाओं में शामिल होने वाले लगभग सभी दो लाख छात्रो के नतीजे आ चुके होंगे।
पीठ की टिप्पणियों के परिप्रेक्ष्य में सीबीएसई और यूजीसी के वक्तव्य काफी महत्वपूर्ण हैं। पीठ ने दोनों संस्थाओं को परस्पर तालमेल से काम करने पर जोर देते यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि पूरक परीक्षा में शामिल हो रहे छात्रों का साल बर्बाद नहीं हो। न्यायालय ने कहा था कि सीबीएसई को पूरक परीक्षाओं के नतीजे यथाशीघ्र घोषित करने चाहिए और यूजीसी को यह देखना चाहिए कि कालेजों में छात्रों को प्रवेश मिल जाए।
कोविड-19 महामारी का जिक्र करते हुए न्यायालय ने कहा था कि यह असाधारण समय है और ऐसी स्थिति में प्राधिकारियों को छात्रों की मदद करनी चाहिए। पीठ ने इसके साथ ही अनिका संवेदी की याचिका का निस्तारण कर दिया। इस याचिका में प्राधिकारियों को यह निर्देशे देने का अनुरोध किया गया था कि 12वीं की पूरक परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों का साल बर्बाद नहीं हो।
न्यायालय ने यूजीसी से कहा था कि वह स्नातक पाठ्यक्रमों के बारे में अपना शैक्षणिक कार्यक्रम 24 सितंबर तक घोषित नहीं करे लेकिन बाद में जब उसे यह बताया कि यह जारी किया जा चुका है तो न्यायाधीशों ने इस पर नाराजगी व्यक्त की थी। इसके बाद, न्यायालय ने इस बारे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से स्पष्टीकरण भी मांगा था।