लखनऊ। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों के खिलाफ मंगलवार को यहां जम कर बरसे। विपक्षी, खासतौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती शाह के निशाने पर रहे. शाह ने साफ कहा कि कोई कितना भी विरोध कर ले सीएए वापस नहीं होगा। कहा, आज राहुल और ममता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की भाषा बोल रहे हैं, जो शर्मनाक है।
लखनऊ के रामकथा मैदान में सीएए के समर्थन में आयोजित रैली को सम्बोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि लोगों को गुमराह करके कांग्रेस, सपा और लेफ्ट पार्टियां हिंसा, दंगे और आगजनी करवा रहे हैं। सीएए का विरोध करने वाले वोट के लालची आंख से अंधे और कानो से बहरे हो गए हैं। कहा, मै डंके की चोट पर कह रहा हूं, जिसको जितना विरोध करना है कर ले, यह कानून वापस होने वाला नहीं है।
गृह मंत्री ने मंच से विपक्षी दलों को खुली चुनौती दी कि जो दल नए कानून का विरोध कर रहे हैं, वे सार्वजनिक मंच पर आये और उनसे बहस करने के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ही काफी हैं। उन्होंने कहा कि सीएए पर जन जागरण के लिए आना पड़ा। जन जागरण तो वैचारिक होता है या फिर चुनाव के समय। पर, हमको इसलिए आना पड़ा क्योंकि जो देश को तोड़ने के लिए भ्रम और दुष्प्रचार हो रहा है उसका सच बताना हमारा दायित्व है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बिल को लेकर आये थे।
शाह ने कहा, ‘जैसे ही यह बिल आया राहुल गांधी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और मायावती कांव-कांव करने लगे। क्यों करने लगे? विपक्षी दल यह भ्रम फैला रहे हैं कि मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी। इस बिल को संसद में मैंने रखा था। अगर विपक्ष में हिम्मत है तो सार्वजनिक मंच पर आकर बहस करें। हम यह बताने आये हैं कि यह कानून किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं, देने के लिए है।’ उन्होंने कहा कि इस कानून के विरोध के नाम पर भ्रम, दंगे और आगजनी फैलाई जा रही है। यह सब जो हो रहा है कांग्रेस और सपा द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों का नतीजा है। ममता बनर्जी, जो बहुत जोर-जोर से बोलती हैं, उनको बताना है कि बांग्लादेश से आने वाले दलित बंगाली हैं। इसमें उनको क्या तकलीफ है? उन्होंने खुद 2003 में संसद में मांग उठायी थी कि शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा कि विपक्षी दल इस कानून में एक भी प्रावधान दिखा दें जिसमे यह कहा गया हो कि मुसलमानो की नागरिकता चली जाएगी। पूरे कानून में ऐसा कोई प्रावधान है ही नहीं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में लाखो करोड़ों हिन्दू, सिख, बौद्ध, सिंधियों और पारसियों पर अत्याचार हुए, उनको अमानवीय तरीके से रखा गया, उनके धार्मिक स्थल तोड़ और जला दिए गए। हमने उनकी आवाज सुनी। जब देश बटा तो उस समय पाकिस्तान में 30 प्रतिशत और पूर्वी पाकिस्तान में 23 फीसदी हिन्दू, सिख, बौद्ध, पारसी आदि थे। अब उनकी संख्या घट कर 3 और 7 प्रतिशत रह गयीं है। आखिर कहां गए ये लोग? कुछ लोग मार दिए गए, कुछ का जबरन धर्म परिवर्तन किया गया। उनकी मां-बेटियों की अस्मत लूट ली गयी, ऐसी स्थिति में वह भाग कर भारत में आ गए। जब देश आजाद हुआ तो कांग्रेस के पाप की वजह से धर्म के आधार पर भारत मां के दो टुकड़े हो गए। 16 जुलाई 1947 को कांग्रेस पार्टी ने प्रस्ताव करके धर्म के आधार पर वि•ााजन को स्वीकार किया।
शाह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को उनके जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है। मैं वोट बैंक के लो•ाी नेताओं को कहना चाहता हूं कि आप इनके कैंप में जाइए। कल तक जो सौ-सौ हेक्टेयर के मालिक थे वे आज एक छोटी सी झोपड़ी में परिवार के साथ भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं। महात्मा गांधी ने 1947 में कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख भारत आ सकते हैं। उन्हें नागरिकता देना, गौरव देना भारत सरकार का कर्तव्य होना चाहिए। नेहरू ने कहा था कि केंद्रीय राहत कोष का उपयोग शरणार्थियों को राहत देने के लिए करना चाहिए। इनको नागरिकता देने के लिए जो जरूरी हो, करना चाहिए। इंदिरा गांधी ने कहा था कि इस देश की धरती शरणार्थियों के लिए खुली है, वे यहां आ कर रच-बस सकते हैं, लेकिन कांग्रेस ने कुछ नहीं किया, क्योंकि इच्छा शक्ति नहीं थी।
कांग्रेस पर हमला करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राजस्थान के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि पाकिस्तान से आए हिंदुओं, सिखों को नागरिकता दी जाएगी। आप करो तो सही है और मोदी करें, तो विरोध। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित अन्य दलों पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया। कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि 370 नहीं हटनी चाहिए, तो राहुल कहने लगे कि नहीं हटनी चाहिए। सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो इमरान ने कहा कि सबूत दो तो राहुल और अखिलेश कहने लगे सबूत मांगने लगे। मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस और पाकिस्तान के बीच रिश्ता क्या है? राहुल बाबा के नाना जो गलती करके गए थे, नरेंद्र मोदी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर उसे सुधारने का काम किया है।
शाह ने कहा कि राहुल और सभी विपक्षी दलों की आदत बन गयी है कि देश हित की कोई भी बात हो तो उनको विरोध करना ही है। शाह ने कहा कि दो साल पहले जेएनयू के अंदर देश विरोधी नारे लगे। ‘भारत तेरे टुकड़े हो एक हजार, इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह।’ उनको जेल में डालना चाहिए या नहीं डालना चाहिए? मैं जनता से पूछने आया हूं कि जो भारत माता के एक हजार टुकड़े करने की बात करे उसको जेल में डालना चाहिए या नहीं? मोदी ने उनको जेल में डाला और ये राहुल एंड कंपनी कह रही है कि ये वाणी स्वतंत्रता का अधिकार है। अखिलेश बाबू एंड कंपनी सुन लो, हमें जितनी गालियां देनी हैं दो, हमारी पार्टी को जितनी गालियां देनी हैं दो, मगर भारत माता के खिलाफ देश में जो नारे लगाएगा उसे जेल में डाला जाएगा। अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा कि अगर बम बरसाने वालों से इतना ही लगाव है तो उनको अपनी पार्टी की सदस्यता दे दें।