सीएए हिंसा : उच्च न्यायालय में जनहित याचिका में केंद्र को पक्षकार बनाने की दी अनुमति

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उस जनहित याचिका में केंद्र को पक्षकार बनाने को मंजूरी दे दी जिसमें संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उत्तर पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में प्राथमिकियां दर्ज करने और गिरफ्तारी करने की मांग की गई है।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने केंद्र और पुलिस को जनहित याचिका पर जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया। जनहित याचिका में भाजपा के तीन नेताओं द्वारा कथित तौर पर नफरत भरे भाषण देने के लिए प्राथमिकियां दर्ज करने की मांग की गई है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र जिम्मेदार है, इसे मामले में पक्षकार बनाया जा सकता है जिसे अदालत ने मंजूरी दे दी। मेहता ने पीठ से कहा कि हिंसा के सिलसिले में 48 प्राथमिकियां दर्ज हो चुकी हैं और राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति सामान्य बनने तक न्यायिक हस्तक्षेप नहीं हो।

अभी तक दर्ज प्राथमिकियां आगजनी, लूट और मौत से जुड़ी हुई हैं। हिंसा में बृहस्पतिवार तक मरने वालों की संख्या 34 हो चुकी है और करीब 200 व्यक्ति जख्मी हुए हैं।

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