बुलंदशहर। बुलंदशहर जिला प्रशासन ने स्याना तहसील में पिछले महीने हुई गोकशी की कथित घटना के संबंध में गिरफ्तार तीन लोगों पर सोमवार को कड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया। अब इन आरोपियों को जमानत मिलना मुश्किल हो गया है।
पहली प्राथमिकी हिंसा के संबंध में दर्ज हुई
स्याना के गांव महाव के बाहर खेतों में तीन दिसंबर को मवेशियों के कंकाल मिले थे जिसके बाद भीड़ ने उत्पात मचाते हुए चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हमला कर दिया था। निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह (44) और चिंगरावठी के एक व्यक्ति सुमित कुमार (20) की इस हिंसा में गोली लगने से मौत हुई थी। इस घटना के संबंध में स्याना थाने में दो प्राथमिकी दर्ज हुई थीं। पहली प्राथमिकी हिंसा के संबंध में दर्ज हुई जिसमें करीब 80 लोगों को नामजद किया गया है जबकि दूसरी प्राथमिकी गोकशी के लिए दर्ज हुई। अधिकारियों ने कहा कि गोकशी मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें से तीन आरोपियों अजहर खान, नदीम खान और महबूब अली पर रासुका लगाया गया है।
तीन आरोपियों ने जमानत के लिए आवेदन दिया था
जिला मजिस्ट्रेट अनुज झा ने कहा, तीन आरोपियों ने जमानत के लिए आवेदन दिया था और उन्हें जमानत मिलने की संभावना थी। इस बात को ध्यान में रखते हुए, उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया है। झा ने एक बयान में कहा, लोक व्यवस्था और शांति कायम रखते हुए तीनों को रासुका की धारा तीन की उपधारा तीन के तहत नामजद किया गया है। कार्वाई पुलिस रिपोर्ट के आधार पर की गई जिसमें कहा गया कि तीनों गैरकानूनी तरीके से धन कमाने के लिए गोकशी में संलिप्त थे। झा ने कहा, उनके कृत्यों ने महाव और नयाबांस गांवों में हिन्दुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाई जिसके बाद हिंसा हुई और इसमें लोगों ने लाठियों तथा धारदार हथियारों से पुलिस पर हमला किया और निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की मौत हुई। इससे लोक व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द का माहौल बिगड़ा।