लखनऊ। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने राज्य के आठ हजार से ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता नहीं दिए जाने पर चिंता जताते हुए बृहस्पतिवार को इस सिलसिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा।
बोर्ड अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को लिखे इस पत्र में कहा है कि शासन से हरी झंडी नहीं की वजह से प्रदेश में पिछले आठ वर्षों से मदरसा बोर्ड द्वारा एक भी मदरसे को मान्यता नहीं दी जा सकी है। उत्तर प्रदेश के मदरसों की शैक्षणिक स्थिति और उनमें मौजूद सुविधाओं का आकलन करने के लिए सरकार ने पिछले साल एक सर्वे कराया था जिसमें पाया गया था कि राज्य में 8449 ऐसे मदरसे संचालित हो रहे हैं जिनके पास मदरसा शिक्षा बोर्ड की मान्यता नहीं है। इस साल 15 नवंबर को उस सर्वे की रिपोर्ट को आए एक साल भी पूरा हो गया है।
जावेद ने पत्र में कहा कि मान्यता नहीं मिलने की वजह से अब तो यह स्थिति हो गई है कि कुछ लोग गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को अवैध भी कहने लगे हैं। उन्होंने पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता देने की कार्यवाही जल्द शुरू कराई जाए ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की भावना को बल मिल सके। जावेद ने पत्र में कहा कि राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता नहीं दिए जाने की वजह से इन इदारों में पढ़ रहे करीब साढ़े सात लाख बच्चों का भविष्य अंधेरे में है। उन्होंने कहा कि इन मदरसों में करीब 95 प्रतिशत बच्चे मुस्लिम समाज के पिछड़े तबकों से आते हैं। उन्होंने कहा कि इस पसमांदा समाज के कल्याण पर प्रधानमंत्री की खास निगाह है।
जावेद ने बताया कि इसी साल 12 सितंबर को बोर्ड की बैठक हुई थी जिसमें उन्होंने मदरसा बोर्ड की रजिस्टर प्रियंका अवस्थी और निदेशक जे. रीभा से मदरसों की मान्यता शुरू कराने का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि इस पर दोनों ने शासन से मार्गदर्शन लेने की बात कही थी लेकिन दो महीने बीत गए और कोई भी प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। मदरसा शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखे गए खत के साथ आॅल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया का गत आठ नवंबर को उन्हें (जावेद) लिखा एक पत्र भी संलग्न किया है। आॅल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के पत्र में कहा गया है कि मान्यता नहीं दिए जाने की वजह से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालन में अनेक कानूनी अड़चनें पैदा हो रही हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारी गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालन पर रोक लगाने और उन पर जुर्माने की कार्यवाही की धमकी दे रहे हैं।
पत्र में कहा गया है कि पिछले साल हुए सर्वे के बाद गैर मान्यता प्राप्त पाए गए मदरसों को निर्देश दिए गए थे कि वे मदरसा बोर्ड से जल्द से जल्द मान्यता हासिल कर लें लेकिन इस सिलसिले में अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। उत्तर प्रदेश में 25 हजार मदरसे संचालित किया जा रहे हैं, जिनमें से साढ़े 16 हजार मदरसे बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं जबकि साढ़े आठ हजार मदरसे गैर मान्यता प्राप्त हैं।