बेंगलुरु। महात्मा गांधी पर सवाल खड़ा करते हुए विवादित भाजपा सांसद अनंत हेगड़े ने राष्ट्रपिता के नेतृत्व वाले स्वतंत्रता आंदोलन पर सवाल उठाए और भारत की आज़ादी के संग्राम को तत्कालीन ब्रिटिश शासकों के साथ सामंजस्य में लड़ी गई लड़ाई बताया।
हेगड़े ने बेंगलुरु में हुए एक कार्यक्रम में आरोप लगाया कि जिन स्वतंत्रता सैनानियों ने देश के लिए कुछ बलिदान नहीं दिया, उन्होंने देश को विश्वास दिलाया कि भारत को आज़ादी उपवास सत्याग्रह के ज़रिए मिली है और वे महापुरुष बन गए। उपवास सत्याग्रह गांधीवादी आंदोलन का तरीका है।
विवादित बयानों के लिए कुख्यात हेगड़े ने कहा, दो तरह के स्वतंत्रता सैनानी थे। एक जो शस्त्र में भरोसा रखते थे, दूसरे शास्त्र में। वीडी सावरकर की याद में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, स्वतंत्रता सैनानियों का एक अन्य वर्ग भी था, जो ब्रिटिशों से पूछा करता था कि स्वतंत्रता आंदोलन को कैसे चलाया जाए। स्वतंत्रता आंदोलन के बारे में उत्तर कन्नड़ के सांसद ने कहा, आप जो कुछ भी कहेंगे, हम उसका सामंजस्य और समझ के साथ पालन करेंगे… 20-20 (क्रिकेट मैच) की तरह।
हेगड़े ने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता सैनानियों के तीसरे वर्ग ने ब्रिटिशों से उनके स्वतंत्रता आंदोलन को मान्यता देने की अपील की और अनुरोध किया कि उन्हें जेल में रखा जाए। भाजपा नेता ने आरोप लगाया, उन्होंने (ब्रिटिशों से विनती की) कहा कि हमारे लिए इतना ही बहुत है कि आप हमारा ठीक से ख्याल रखें , हमें इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि जिन स्वतंत्रता सैनानियों ने देश के लिए कुछ बलिदान नहीं दिया, उन्होंने देश को विश्वास दिलाया कि भारत को आज़ादी उपवास सत्याग्रह के ज़रिए मिली है। हेगड़े ने कहा कि साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि ब्रिटिश डर गए थे और देश को आज़ादी उपहार में दे दी थी। भाजपा नेता ने कहा, ऐसे लोग महापुरुष बन गए। जिन लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और जिन्होंने देश में बड़े बदलाव के लिए काम किया, उन्हें इतिहास के अंधेरे कोने में फेंक दिया गया, लेकिन जो लोग ब्रिटिश के साथ सामंजस्य से लड़े, वे प्रमाण पत्र के साथ स्वतंत्रता सैनानी बन गए।
हेगड़े ने कहा, यह हमारे देश की त्रासदी है। इस बीच सोमवार को भाजपा सूत्रों ने कहा कि महात्मा गांधी पर बयान से कुमार ने पार्टी आलाकमान को नाराज़ कर दिया है। इस मामले में सांसद को माफी मांगने के लिए कहा जा सकता है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कर्नाटक के नेता की टिप्पणी निंदनीय है और पार्टी नेतृत्व उनसे नाराज़ है। उन्होंने बताया, पार्टी ने अपनी नाखुशी से उन्हें अवगत करा दिया है और उनसे स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है। महात्मा गांधी का किसी भी प्रकार का अपमान कतई स्वीकार्य नहीं है।