लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को पार्टी सांसद रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने के आरोप पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू की सदस्यता निरस्त कर दी। पार्टी के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी हिमांशु दुबे ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बब्लू की पार्टी से सदस्यता निरस्त कर दी है। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी हिमांशु दुबे ने दी है।
बता दें कि फैजाबाद की बीकापुर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह उर्फ बबलू ने 4 अगस्त को भाजपा की सदस्यता ली थी। जितेंद्र सिंह बबलू का भाजपा में आना इसलिए चर्चा में रहा क्योंकि वह रीता बहुगुणा जोशी के घर जलाने वाले कांड में आरोपी हैं। इसको लेकर रीता जोशी ने आपत्ति भी जतायी थी और मांग की थी कि बबलू की सदस्यता निरस्त की जाये, खत्म की जाये। दरअसल, बबलू 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। इसके बाद तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रीता बहुगुणा जोशी की तरफ से तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ कथित तौर पर की गयी एक अभद्र टिप्पणी के बाद उनके घर को जलाये जाने की कोशिश की गयी थी, जिसका आरोप बसपा विधायक बब्लू सिंह पर लगा था। 15 जुलाई 2009 को रीता बहुगुणा जोशी के घर को जलाये जाने के मामले में जितेंद्र सिंह पर हुसैनगंज थाने में एक एफआईआर भी दर्ज हुई थी।
जांच में उनका नाम सामने आने के बाद बबलू की गिरफ्तारी भी हुई थी। उस समय प्रेमप्रकाश लखनऊ के एसएसपी और हरीश कुमार एसपी पूर्वी थे। इस मामले बबलू के अलावा बसपा नेता इंतजार आब्दी का नाम भी सामने आया था। तब राज्य सरकार ने आब्दी को राज्यमंत्री का दर्जा भी दिया था। इससे पहले बसपा सरकार में जितेंद्र सिंह उर्फ बबलू को वाई श्रेणी की सुरक्षा भी दी गयी थी। अयोध्या के रहने वाले जितेंद्र सिंह उर्फ बबलू 2007 में विधायक बने। बाद में बसपा से निकाले जाने बाद वह पीस पार्टी में शामिल हो गये थे। इधर कुछ महीनों से वह लगातार भाजपा में संपर्क बनाये हुए थे, लेकिन पार्टी तय नहीं कर पा रही थी कि इन्हें शामिल किया जाये या नहीं। वहीं अचानक एक कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में पार्टी में उनको शामिल कर लिया गया था।