वरिष्ठ संवाददाता लखनऊ। कैंसर की जांच के लिए मरीजों को बार-बार बायोप्सी के दर्द से नहीं गुजरना होगा। पहली बार दी गई कोशिकाओं (टिश्यू) को सुरक्षित रखा जायेगा। दोबारा जांच की जरूरत पड़ने पर उसी टिश्यू से जांच की जा सकेगी। यह व्यवस्था जल्द ही चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में शुरू होगी।
कैंसर संस्थान में सेंटर फॉर एडवांस मॉलीकुलर डायग्नॉस्टिक्स एंड रिसर्च की स्थापना की जा रही है। इससे कैंसर में शोध को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही बायोबैंक भी बनाया जाएगा। इसमें मरीजों की सभी मॉलीकुलर जांचे होंगे। वहीं जो भी टिश्यू जांच के लिए लैब में आएंगे उन्हें संरक्षित किया जाएगा। ताकि दोबारा जांच की जरूरत पड़ने पर इन कोशिकाओं का इस्तेमाल किया जा सके। इससे मरीजों को बायोप्सी के दर्द से बचाने में मदद मिलेगी। वहीं इन कोशिकाओं का इस्तेमाल शोध में किया जाएगा। साथ ही और बेहतर इलाज की राह आसान होगी। अधिकारियों का कहना है कि पूरी कोशिश है कि कैंसर मरीजों को इलाज के दर्द से कम गुजरना पड़े और उन्हें मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।