पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में बेहद रोमांचक मुकाबले में विपक्ष की कड़ी चुनौती का मुकाबला करते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 243 सीटों में से 125 सीटों पर जीत का परचम लहरा कर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया जबकि महागठबंधन के खाते में 110 सीटें आईं।
बिहार चुनाव में हालांकि कई बड़े उलटफेर देखने को भी मिले। एक ओर जहां सरकार के मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, सुरेश शर्मा, शैलेश कुमार, फिरोज अहमद, ब्रजकिशोर बिंद और जयकुमार सिंह को हार का सामना करना पड़ा, वहीं राजद के अब्दुलबारी सिद्दिकी, भाजपा से लोजपा में गए राजेंद्र सिंह और वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी सहित कई दिग्गज भी चुनाव हार गए।
चुनाव में भले ही राजग ने बहुमत हासिल किया है, लेकिन इस चुनाव में विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रहा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) 75 सीटें अपने नाम करके सबसे बड़े दल के रूप में उभरा है। करीब 16 घंटे चली मतों की गिनती के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 74 सीटों के साथ दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई है।
दूसरी तरफ जदयू और कांग्रेस को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा है। जदयू को 2015 के चुनाव में जीती 71 सीटों के मुकाबले इस बार 43 सीटें ही मिलीं। कांग्रेस को वर्ष 2015 में 27 सीटें मिली थी जबकि इस बार उसे 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। साल 2015 में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने राजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। चुनाव में हम प्रमुख जीतन राम मांझी 16,034 वोटों के अंतर से इमामगंज सीट से जीते।
वहीं राजद नेता तेजप्रताप यादव 21,139 वोटों के अंतर से हसनपुर सीट से चुनाव जीते। महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी तेजस्वी यादव ने 37 हजार वोटों से ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सरायरंजन से अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी को 4,000 मतों के अंतर से पराजित किया। राजद के अब्दुलबारी सिद्दीकी केवटी सीट से भाजपा के मुरारी मोहन झा से 5,267 वोटों के अंतर से हारे।
वहीं लालू प्रसाद के करीबी माने जाने वाले भोला यादव को हायाघाट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के राम चंद्र प्रसाद ने 10,252 वोटों के अंतर से हराया। राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक विजेता एवं भाजपा उम्मीदवार श्रेयसी सिंह ने राजद के विजय प्रकाश को 41 हजार मतों से पराजित किया जबकि कांग्रेस उम्मीदवार और शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव को मधेपुरा के बिहारीगंज सीट से हार का सामना करना पड़ा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह जैसे नेता पहले ही कुमार को मुख्यमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं और यह स्पष्ट कर चुके हैं कि नीतीश ही राजग गठबंधन के मुख्यमंत्री बनेंगे। ऐसे में नीतीश कुमार की पार्टी का प्रदर्शन भले ही गिरा है, राजग के बहुमत का आंकड़ा हासिल करने के बाद अब नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने का मार्ग एक बार फिर प्रशस्त हो गया है।
चुनाव में चिराग पासवान की लोजपा के कारण जदयू को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। लोजपा को हालांकि एक सीट पर जीत मिली, लेकिन उसने कम से कम 30 सीटों पर जदयू को नुकसान पहुंचाया। जद(यू) के प्रवक्ता के सी त्यागी ने आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत नीतीश कुमार के खिलाफ अपमानजनक अभियान चलाया गया। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, इसमें अपने भी शामिल थे और बेगाने भी।