पं. रोनू मजूमदार की बांसुरी ने जीता दिल
लखनऊ। भातखंडे संगीत उत्सव 2024 के द्वितीय दिवस का मानदीप प्रज्वलन से हुआ जिसमें विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मांडवी सिंह पं. धर्मनाथ मिश्रा प्रो० पश्चात विभानोमा प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का आरभ श्री विनील पवईया के निर्देशन में छात्रों द्वारा प्रस्तुति से हुआ। इसमें समग पर श्री तुकार आरंभ श्री विनीत या हारमोनियम) और मनीष मिश्रा (सारंगी) ने सहयोग दिया। कलाकार छात्र प्रिया दुबे, गायंतिका, पावन सिंह, मणीशंकर, ज्येष्ठा, प्राज्जवल, अंबिका, अथर्व जोशी, राजीव नमन, अनूप मिश्रा। इन छात्रों ने राग खमाज में भातखंडे कृति को तीन ताल में प्रस्तुत किया। दूसरी प्रस्तुति शास्त्रीय गायन विभाग में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले अनुराग मौर्या द्वारा हुई. उन्होंने तीन ताल में राग पूरिया कल्याण का गायन किया। संगत पर सौरम सिंह (तबला) और दिनकर द्विवेदी (हारमोनियम) ने उनका साथ दिया।
तालवाद्य विभाग में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले नीलांचल पांडेय ने तीन ताल में उठान और लय के दर्जे प्रस्तुत किए। संगत पर श्री सारंग पांडेय (हारमोनियम) ने सहयोग दिया।
नृत्य विभाग में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले शिवम अवस्थी ने भरतनाट्यम प्रस्तुत कि जिसका निर्देशन और नदुवांगम श्री ज्ञानेंद्र बाजपेयी ने किया। संगत पर श्रीमती ललिता गणे (स्वर), संजरी साहू (वायलिन) और श्री जी. सुधीर कुमार (मृदंगम) ने सहयोग किया।
पं. रोनू मजूमदार (बांसुरी) प्रसिद्ध बांसुरी वादक पं. रोनू मजूमदार ने राग मारवा में आ जोड़, झाला, और धमार ताल में बंदिश प्रस्तुत की। उन्होंने लयकारी, चक्रदार तिहाई, प शंकर की तिहाई की शैली और पं. किशन महाराज की लयकारी को जीवंत किया। संगत रामकुमार मिश्रा (तबला) ने साथ दिया। दिन का अंतिम आकर्षण सुश्री प्रिया वेंकटरमन के निर्देशन में प्रस्तुत नृत्य समूह था, जिसने भरतनाट्यम नृत्य शैली की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। द्वितीय दिवस का यह कार्यक्रम भारतीय संगीत और नृत्य की अनमोल विरासत का अद्भुत संगम था, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।