लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने केन्द्र पोषित (पीएमएफएमई) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग योजना के बेहतर ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को दिये हैं। उन्होने निर्देश दिये हैं कि इस बहुआयामी व ग्रामोन्मुखी योजना का पूरे प्रदेश में ग्रामीण स्तर तक बेहतर ढंग से प्रचार प्रसार कराया जाये, ताकि योजना से वास्तविक पात्र लोगों को शीघ्र से शीघ्र लाभान्वित किया जा सके।
उपमुख्यमंत्री ने इस योजना के अन्तर्गत जिला व क्षेत्रीय स्तर पर लाभार्थियों को हैन्ड होल्डिंग सहायता उपलब्ध कराने के लिये जनपदीय रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति नियमानुसार कराये जाने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये हैं। यह रिसोर्स पर्सन व्यक्तिगत इकाइयों और समूहों को डीपीआर तैयार करने के लिये बैंक से ऋण लेने एफएसएसएआई के खाद्य मानकों, उद्योग आधार, जीएसटी पंजीयन आदि आवश्यक पंजीकरण एवं लाइसेन्स प्राप्त करने जैसे हैन्ड होल्डिंग सेवाएं प्रदान करेंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत प्रारम्भ की गयी प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना छोटे उद्योगों व कामगारों के लिये वरदान साबित होगी। यूपी में इस योजनान्तर्गत आगामी 5 वर्षों में 37805 ईकाइयों के उच्चीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना में अपने उद्यम का उन्नयन करने के इच्छुक व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी पात्र परियोजना लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, जिसकी अधिकतम लागत 10 लाख रुपये प्रति उद्यम है। लाभार्थी का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत होना चाहिये, शेष राशि बैंक से लाभार्थी को ऋण के रूप में लाभार्थी को प्राप्त होगी।