अयोध्या। अयोध्या पूरी तरह से धार्मिक उत्साह में डूबी हुई है और हर ओर सीता राम और जय हनुमान के जयकारे सुनाई दे रहे हैं। लोग जय श्री राम लिखे वस्त्र धारण किए दिखाई दे रहे हैं। गुजरात के अहमदाबाद से साइकिल चलाकर 63 वर्षीय नेमाराम प्रजापति भगवान राम की भूमि यानी अयोध्या पहुंचे हैं।
प्रजापति ने कहा, मैंने 1992 से जूते नहीं पहने हैं और मेरा संकल्प था कि मैं जूते तभी पहनूंगा जब अयोध्या में राम मंदिर बन जाएगा। मैं प्रभु राम के दर्शन के लिए अहमदाबाद से नंगे पैर साइकिल चलाकर अयोध्या पहुंचा हूं। अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से पहले पोस्टर लगाए गए हैं जिनपर शुभ घड़ी आई, तैयार है अयोध्या धाम, विराजेंगे श्री राम और राम फिर लौटेंगे जैसे नारे लिखे हैं।
नगर में राम मार्ग, सरयू नदी तट और लता मंगेशकर चौक जैसे प्रमुख स्थानों पर पोस्टरों पर रामायण के विभिन्न श्लोक भी छापे गए हैं। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, सभी प्रकार के पोस्टर और होर्डिंग निर्दिष्ट स्थानों पर लगाए गए हैं चाहे वह किसी न्यास, राजनीतिक संगठन या किसी व्यक्ति द्वारा लगाए गए हों। प्रजापति की साइकिल के सामने एक बोर्ड पर लिखा है कि उनकी अहमदाबाद-अयोध्या यात्रा पिछले साल दो दिसंबर को शुरू हुई और वह इस दौरान राजस्थान के पवित्र स्थलों पर भी गए।
ओम भगत(47) जो अब खुद को बुद्ध अंकल कहते हैं। वह भी अखिल भारतीय साइकिल यात्रा पर हैं और बृहस्पतिवार को अयोध्या पहुंचे। भगत ने कहा, मैंने 20,000 किलोमीटर की दूरी तय की है और अबतक तय किए गए राज्यों में उत्तर प्रदेश मेरा 16वां राज्य है। मुझे सभी 4,000 शहरों, 741 जिलों की यात्रा करनी है। मैं प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या में रहना चाहता था इसलिए मैंने इसके अनुसार अपनी यात्रा बनाई।