नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाले नौ नवंबर के अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकायें बृहस्पतिवार को खारिज दीं। शीर्ष अदालत ने चैंबर में कुल 19 पुनर्विचार याचिकाओं पर गौर किया। न्यायालय ने इन याचिकाओं को उन्हें विचार योज्ञ नहीं पाया और सभी को खारिज कर दिया।
इस प्रकरण में मूल मालिकाना हक से संबंधित वादियों की 10 याचिकाओं को खारिज करते हुये प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने आदेश में कहा, खुले न्यायालय में पुनर्विचार याचिकायें सुनवाई के लिये सूचीबद्ध करने के आवेदन खारिज किये जाते हैं। हमने सावधानी के साथ पुनर्विचार याचिकाओं और इनके साथ दायर संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन किया।
हमें इनमें विचार के लिये कोई आधार नहीं मिला। तद्नुसार पुनर्विचार याचिकाएं खारिज की जाती हैं। शीर्ष अदालत ने तीसरे पक्ष द्वारा दायर नौ अन्य याचिकाओं पर भी विचार किया जो मूल वाद में पक्षकार नहीं थे और उन्हें इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया।