आज लखनऊ से प्रस्थान करेंगे शंकराचार्य
लखनऊ। गोमतीनगर के विशाल खंड में आचार्य देव के निवास पर आयोजित दर्शन, दीक्षा एवं गोष्ठी में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने अपने विचार रखे। शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने दर्शन, दीक्षा एवं धर्मसभा में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे क्रूर व्यवहार की पुरजोर निंदा की। उन्होंने सनातन को विश्व का सबसे पुराना धर्म बताते हुए उसकी रक्षा उसके सम्मान में स्पष्ट भाषा में सनातनियों को आगे आने के लिए कहा। शंकराचार्य ने कहा कि भारत सनातनियों का देश है, अहिंसा परमोधर्मा पर चलने वाला देश है। सनातन धर्म आज का नहीं है। सनातन धर्म ने हर युग में एक मार्गदर्शक का काम किया है। हम सभी के पूर्वज सनातनी वैदिक आर्य हिन्दू थे। यह हमारे ग्रंथों में अंकित है।
शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी का जन्म बिहार प्रान्त के दरभंगा मधुबनी जिले के हरिपुर बख्शी टोल मानक गांव में हुआ था। उनके बचपन का नाम नीलाम्बर था. शंकराचार्य निश्चलानंद के अनुयायी देश विदेश दोनों जगह पर हैं, उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई थी. उसके बाद उनकी सारी शिक्षा बिहार में ही हुई है। गोवर्धनमठ पूरीपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने भक्तों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए उन्हें सही मार्गों पर चलने, व्यवहार में कुशलता, बड़ों का आदर, सनातन की राह पर मुखर कर चलने को कहा। उन्होंने कहा भारत सनातनियों का देश है। साथ ही उन्होंने पाखंड का चोला पहने लोगों से बचने के लिए कहा ।
वामा ऐप के फाउंडर डा. ज्योतिषाचार्य आचार्य देव ने इस खास मौके पर कहा कि मुझे यह बताते हुए बेहद हर्ष हो रहा है कि लखनऊ में भक्तों का प्यार, सनातन के प्रति लोगों का झुकाव देखते हुए शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराज जी ने लखनऊ में एक दिन और रुकने की इच्छा जताई जो हमारे लिए गौरव की बात है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि जो भक्तगण गुरुदेव के आशीर्वाद उनके दर्शन से वंचित रह गए हैं। वह आज 11: 30 पर विशालखंड 2/201 गोमतीनगर में आकर उनका दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।