असम : तामुलपुर सीट पर चुनाव स्थगित करने की मांग EC ने की खारिज

नई दिल्ली/गुवाहाटी। चुनाव आयोग ने असम विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में छह अप्रैल को तामुलपुर विधानसभा सीट पर होने जा रहे मतदान को स्थगित करने की बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) की अर्जी रविवार को खारिज कर दी। दरअसल, विपक्षी कांग्रेस के सहयोगी दल बीपीएफ ने आयोग का रुख कर आरोप लगाया था कि उसके प्रत्याशी रंगजा खुंगुर बसुमतारी प्रलोभन में आकर एक अप्रैल को भाजपा में शामिल हो गए।

आयोग ने बीपीएफ की अर्जी खारिज करते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान इस समय किसी मान्यता प्राप्त पार्टी के उम्मीदवार की मृत्यु होने पर ही मतदान स्थगित करने की अनुमति दी जा सकती है। बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के बक्सा जिले में तामुलपुर विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार के एक अप्रैल को भाजपा में शामिल होने के बाद बीपीएफ ने आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई थी।

इस घटनाक्रम के बाद, विपक्षी दलों ने भाजपा पर चुनाव पूर्व उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगाया था। कांग्रेस और माकपा ने असम विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में छह अप्रैल को तामुलपुर सीट पर होने वाला मतदान स्थगित करने की मांग की थी। कांग्रेस के बाद, महागठबंधन में उसकी सहयोगी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी मंगलवार को होने वाला मतदान स्थगित करने की मांग की थी।

हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा कि सुनवाई के दौरान ऐसा कोई भी दस्तावेजी साक्ष्य पेश नहीं किया गया, जो यह साबित करे कि बसुमतारी भाजपा में शामिल हुए हैं, या उन्हें बीपीएफ से निकाल दिया गया है। बीपीएफ को दिए गए जवाब में आयोग ने कहा कि चुनाव अधिकारी द्वारा पहले ही उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 52 का हवाला देते हुए आयोग ने कहा कि इस समय मतदान को तभी स्थगित किया जा सकता है, या किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को अपना उम्मीदवार बदलने की अनुमति तभी दी जा सकती है, जब प्रत्याशी की मृत्यु हो गई हो।

वहीं, बसुमतारी ने सुनवाई के दौरान आयोग के समक्ष कहा कि उन्होंने भाजपा से कोई सदस्यता संबंधी पत्र प्राप्त नहीं किया है और ना ही उन्हें बीपीएफ से निष्कासन या सदस्यता से निलंबित करने का कोई पत्र मिला है। शनिवार रात यहां मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दी गई शिकायत में कांग्रेस की असम इकाई के प्रमुख रिपुन बोरा ने उनसे बसुमतारी के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया।

साथ ही, उन्होंने चुनाव आयोग से असम के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता हेमंत बिस्व सरमा के खिलाफ सख्त कार्वाई करने का भी अनुरोध किया था। सरमा ने बीपीएफ प्रत्याशी के भाजपा में शामिल होने से पहले उनके साथ बैठक की थी। सरमा जलुकबाड़ी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां छह अप्रैल को मतदान होना है।

बसुमतारी करीब दो दिन तक लापता रहे थे और 31 मार्च को आधी रात के करीब सरमा ने ट्विटर पर कहा था कि उन्होंने बीपीएफ के तामुलपुर सीट से उम्मीदवार से मुलाकात की है, जो भाजपा में शामिल होंगे। बोरा ने कहा, स्पष्ट है कि यह भारत के निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता के साथ ही जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के कई प्रावधानों का घोर उल्लंघन है। ऐसी परिस्थितियों में मैं आपसे बसुमतारी और हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ उचित और आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करता हूं।

साथ ही मैं आपसे तामुलपुर निर्वाचन क्षेत्र में फौरन चुनाव प्रक्रिया रोकने का भी अनुरोध करता हूं। माकपा के असम सचिव देबिन भट्टाचार्य ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय राजनीति में ऐसी घटना कभी भी देखने को नहीं मिली थी। उन्होंने कहा, भाजपा धन बल के जरिए चुनाव जीतना चाहती है। इसलिए हम आयोग से तामुलपुर सीट पर चुनाव स्थगित करने की मांग करते हैं।

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