लखनऊ। डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के 12वें राष्ट्रीय अधिवेशन में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भवन नाथ पासवान ने संविधान में किसी भी तरह के बदलाव के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए एससी/एसटी समुदाय के उपवर्गीकरण को रोकने के लिए एक बड़ा आंदोलन छेड़ने की बात कही। इस कार्यक्रम में 26 राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और संगठन की प्रमुख मांगों का समर्थन किया।
भवन नाथ ने कहा, “संविधान बचाने के लिए समाज को संगठित होकर संघर्ष करना होगा। यदि संविधान में कोई भी छेड़छाड़ की कोशिश की गई, तो इसके खिलाफ कड़ा विरोध होगा।” उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने की भी जोरदार मांग की, साथ ही समाज के कमजोर वर्गों के लिए समान अवसर और अधिकार की बात की।
उन्होंने आगे कहा, “जातीय जनगणना करवाकर यह सुनिश्चित किया जाए कि अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ी जातियों को संस्थाओं में अनुपातिक प्रतिनिधित्व मिले। इसके अलावा, सरकारी विभागों और सार्वजनिक पदों में विशेष भर्ती अभियान चलाया जाए, ताकि इन वर्गों को समान अवसर मिल सकें।”
इसके साथ ही, भवन नाथ ने अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की, जिनमें निम्नलिखित शामिल थे:
- सरकारी और निजी क्षेत्रों में आरक्षण की व्यवस्था की मांग।
- सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं का अधिकार।
- अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जातियों के खिलाफ अत्याचार पर रोक।
- किसानों की उपज का बीमा और न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने की मांग।
- पुरानी पेंशन स्कीम की पुनः बहाली।
भवन नाथ के संबोधन के बाद, डॉ अम्बेडकर राष्ट्रीय एकता मंच के संरक्षक और पूर्व आईएएस राम बहादुर ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मंच पर प्रमुख रूप से सोहन राम (पूर्व आईएएस), मनोहर राम (पूर्व आईएएस), राजेंद्र प्रसाद (एडिशनल कमिश्नर), राकेश कुमार, डॉ. अनिल कुमार, एडवोकेट एसपी सिंह, और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इस अधिवेशन में आए प्रतिनिधियों ने संगठन की मांगों का समर्थन करते हुए एकजुटता का संदेश दिया और संकल्प लिया कि वे समाज के हितों के लिए निरंतर संघर्ष करते रहेंगे।
आंदोलन को गति देने के लिए मंच ने जल्द ही बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है, जिसमें संविधान की रक्षा, आरक्षण के अधिकार, और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के हितों के लिए आवाज उठाई जाएगी।