एमएसएमई इकाइयों की सुविधा के लिए शुरू हुआ ऐप : सहगल

  • रोज़गार देने के लिए लिए चलाया जा रहा है अभियान

लखनऊ। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने रविवार को बताया कि प्रदेश में एमएसएमई इकाईयों की कुल संख्या लगभग 90 लाख है। आत्मनिर्भर पैकेज में जो पहले से मौजूद एमएसएमई इकाईयां उनकी कार्य पूंजी की समस्या, जीएसटी रिफंड की समस्या और विभागों से भुगतान की समस्या से निजात दिलाने के लिए विभाग द्वारा एमएसएमई साथी ऐप और एमएसएमईसाथी,इन वेबसाइट भी शुरू की गयी है।

सहगल ने यहां लोक भवन में प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि प्रदेश में रोजगार के और अवसर सृजित करने के लिए और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को रोजगारों में लगाने के लिए नयी एमएसएमई इकाइयों के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 6.66 लाख नयी एमएसएमई इकाइयों को 20,168 करोड़ का लोन दिया गया है।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि आर्थिक एवं औद्योगिक गतिविधियों को तेजी से सामान्य किया जा रहा है। रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए और आर्थिक गतिविधियां को और बढ़ाने के लिए सरकार के प्रोत्साहन से नयी एमएसएमई इकाइयां खुल रही है। पुरानी इकाइयों को कार्यशील, पूंजी की समस्या से निजात दिलाने के लिए बैंकों से समन्वय करके आत्मनिर्भर पैकेज में 4.37 लाख इकाईयों को 11,100 करोड़ रुपये लोन बैंकों से समन्वय स्थापित कर स्वीेकृत करते हुए बांटे जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले 06 महीने में 11 लाख एमएसएमई इकाईयों को बैंकों के माध्यम से 31 हजार करोड़ रुपये का लोन बांटा गया है। नयी एमएसएमई इकाईयों से लगभग 27 लाख रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सूक्ष्म, लघु, मध्यम एवं बड़ी श्रेणी की 8,18,335 इकाईयां चल रही हैं जिनमें 51.80 लाख श्रमिक काम कर रहे हैं।

सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। किसानों को हर प्रकार की सुविधा मिले यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद, सिंचाई व बिजली की उपलब्धता, पराली प्रबंधन के लिए अनुदान पर आधुनिक उपकरण की व्यवस्था, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत उनके खाते में धनराशि भेजे जाने की व्यवस्था, गन्ना किसानों के भुगतान आदि की व्यवस्थाएं किसानों के लिए की जा रही हैं।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर लगातार धान खरीद की समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों के धान की खरीद समय से हो और उन्हें धान, मूंगफली व मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य ज़रूर मिले। धान और मक्का की खरीद का भुगतान 72 घंटे के अंदर सुनिश्चित किया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न होे और खरीद केंद्र सुचारू रूप से काम करे। सरकार किसानों के साथ है, किसानों को हर सम्भव सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की अधिकारियो या कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरती जाती है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। धान खरीद केंद्र पर शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी।

धान क्रय केंद्रों पर जिलाधिकारी द्वारा लगातार सत्यापन अनुश्रवण और आकस्मिक निरीक्षण करे। किसानों से लगातार धान की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक किसानों से 342.96 लाख कुंतल धान की खरीद की जा चुकी है। प्रदेश में अब तक किसानों से 477307.80 कुंतल मक्का की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में मूंगफली की खरीद भी मूल्य समर्थन योजना के तहत की जा रही है।

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