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हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत का खास सहयोगी है अमेरिका

जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन से की वार्ता

वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विशेष अमेरिकी सहयोगी के रूप में भारत की भूमिका रेखांकित की तथा नए अवसरों का बेहतर तरीके से लाभ उठाने और क्षेत्र एवं उससे परे भी साझा चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने के तरीकों पर चर्चा की।

ब्लिंकन के इस सप्ताह की शुरुआत में कार्यभार संभालने के बाद दोनों देशों के मंत्रियों के बीच टेलीफोन पर हुई यह पहली बातचीत है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि भारत और अमेरिका के मंत्रियों ने कोविड-19 टीकाकरण प्रयासों, क्षेत्रीय विकास, द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तार देने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों तथा आपसी चिंता के अन्य मुद्दों पर चर्चा की।

प्राइस ने कहा कि ब्लिंकन ने हिंद-प्रशांत में अमेरिका के खास सहयोगी के रूप में भारत की भूमिका और क्षेत्रीय सहयोग को विस्तार देने के लिए मिलकर काम करने की महत्ता रेखांकित की। उन्होंने कहा कि दोनों ने वैश्विक बदलावों के मद्देनजर निकट समन्वय के साथ काम करने पर सहमति जताई और जल्द से जल्द आमने-सामने मुलाकात करने की इच्छा व्यक्त की। ब्लिंकन ने ट्वीट किया, मुझे खुशी है कि मैंने आज अपने अच्छे मित्र डॉ. एस जयशंकर के साथ अमेरिका और भारत की प्राथमिकताओं पर चर्चा की।

हमने अमेरिका और भारत के संबंधों की महत्ता की पुन: पुष्टि की। हमने नए अवसरों का बेहतर तरीके से लाभ उठाने और हिंद-प्रशांत एवं उससे परे भी साझा चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने के तरीकों पर चर्चा की। नयी दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर और ब्लिंकन ने बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने एवं उसे संघटित करने की अपनी प्रतिबद्धता जताई।

उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, उन्होंने मजबूत रक्षा संबंधों, मजबूत होते आर्थिक संबंधों, स्वास्थ्य क्षेत्र में फलदायी गठजोड़ और लोगों के बीच मजबूत आपसी संपर्क को महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए उनकी प्रशंसा की। विज्ञप्ति में बताया किया कि कोविड-19 के बाद की दुनिया में चुनौतियों को पहचानते हुए दोनों नेताओं ने सुरक्षित एवं किफायती टीके की आपूर्ति समेत वैश्विक मामलों से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।

इसमें बताया गया कि उन्होंने खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से ब्लिंकन ने कनाडा, मैक्सिको, जापान, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, फ्रांस, इजराइल और दक्षिण अफ्रीका समेत एक दर्जन से अधिक देशों में अपने समकक्षों से बात की है।

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