दुबई। अमेरिका के लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले बी-2 बमवर्षक से यमन के हूती विद्रोहियों के भूमिगत बंकरों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए गए। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार तड़के इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस हमले से कितना नुकसान हुआ है। यमन के हूती विद्रोहियों को निशाना बनाने के लिए बी-2 स्पिरिट का इस्तेमाल करना आम बात नहीं है।
बी-2 स्पिरिट ऐसा बमवर्षक है जिसमें दुश्मन की नजर में आए बिना हमला करने की क्षमता है। गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजराइल के हमलों के विरोध में हूती विद्रोही लाल सागर में कई महीनों से पोतों को निशाना बना रहे हैं। हूतियों के अल-मसीरा समाचार चैनल ने बताया कि यमन की राजधानी सना के आसपास हवाई हमले हुए हैं। साल 2014 से हूती विद्रोहियों ने सना पर कब्जा कर रखा है। इसमें बताया गया कि हूती विद्रोहियों के गढ़ सादा के आसपास भी हवाई हमले हुए हैं, हालांकि इसने नुकसान या हताहतों के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है।
अमेरिका के रक्षा सचिव लॉयड आस्टिन ने एक बयान में कहा, यमन में हूती विद्रोहियों के नियंत्रित क्षेत्रों में पांच भूमिगत हथियार भंडारण स्थानों को निशाना बनाकर बी-2 बमवर्षक से हमले किए गए हैं। हूतियों का समर्थन करने वाले ईरान को परोक्ष रूप से चेतावनी देने के लिए भी यह हमले किए गए हैं। ईरान ने पिछले साल के दौरान दो बार इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइल से हमले किए। ईरान के नतांज या फोर्डाे में स्थित परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले में अमेरिका की ओर से बी-2 क इस्तेमाल किया जाएगा क्योंकि यह एकमात्र विमान है जो जीबीयू-57 को गिरा सकता है। इसे मैसिव आॅर्डिनेंस पेनिट्रेटर के नाम से भी जाना जाता है।
आस्टिन ने कहा, यह उन सुविधाओं को निशाना बनाने की अमेरिका की क्षमता का अनूठा प्रदर्शन था, जिन्हें हमारे विरोधी अपनी पहुंच से दूर रखना चाहते हैं, चाहे वे कितनी भी जमीन के नीचे दबी, मजबूत या सुदृढ़ क्यों न हों। आस्टिन और अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने इस हमले से हुए नुकसान का तत्काल कोई आकलन नहीं किया। हालांकि, सेंट्रल कमांड ने एक बयान में कहा कि प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि इस हमले में कोई भी नागरिक नहीं मारा गया है।