अमेरिका ने यमन में किया हमला, हुती विद्रोहियों ने दी चेतावनी, कहा- इसका जवाब दिया जाएगा

वाशिंगटन। अमेरिकी सेना ने शनिवार सुबह यमन में हुती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले एक और स्थान पर हमला किया। अमेरिका के दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी। यमन की राजधानी सना में एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने तेज धमाके की आवाज सुनी। एक अधिकारी ने बताया कि इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका और ब्रिटेन ने हुती विद्रोहियों के इस्तेमाल वाले स्थानों को निशाना बनाया था। इनमें 28 स्थानों में 60 ठिकानों पर हमला किया गया। अमेरिका ने कहा था कि एक रडार स्थल अब भी समुद्री यातायात के लिए खतरा बना हुआ है।

अधिकारियों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर यह जानकारी दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को चेतावनी दी थी कि हुती विद्रोहियों को और हमलों का सामना करना पड़ सकता है। यह हमला तब किया गया है जब अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा हुती विद्रोहियों पर हवाई हमले करने के बाद अमेरिकी नौसेना ने अमेरिका के ध्वज वाले जहाजों को अगले 72 घंटे तक लाल सागर और अदन की खाड़ी में यमन के आसपास के इलाकों से दूर रहने की शुक्रवार को चेतावनी दी।

यह चेतावनी तब दी गयी है जब यमन के हुती विद्रोहियों ने अमेरिका नीत हमलों का बदला लेने का आह्वान किया है जिससे गाजा में इजराइल के युद्ध के अलावा एक और वृहद संघर्ष शुरू होने का खतरा बढ़ गया है। अमेरिकी सेना और व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें लगता है कि हुती पलटवार करेंगे। हुती विद्रोहियों ने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व में किए गए हवाई हमलों में कम से कम पांच लोग मारे गए और छह अन्य घायल हो गए। यह पूछने पर कि क्या उन्हें लगता है कि हुती आतंकवादी समूह है, इस पर बाइडन ने पेन्सिलवेनिया में कहा, मुझे लगता है कि वे आतंकवादी हैं।

हुती के सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने पहले से रिकॉर्ड बयान में कहा कि अमेरिकी हवाई हमलों का जवाब दिया जाएगा। अमेरिका के पूर्व खुफिया अधिकारी एलिसा स्लॉटकिन ने अमेरिकी हमलों का स्वागत किया लेकिन चिंता व्यक्त की कि ईरान का लक्ष्य अमेरिका को गहरे संघर्ष में घसीटना है।बाइडन ने पत्रकारों से कहा कि ईरान को एक स्पष्ट संदेश मिला है। उन्होंने कहा, मैंने पहले ही ईरान को संदेश दे दिया है। वे जानते हैं कि कुछ नहीं करना है।

इस बीच, अमेरिका के वित्त विभाग ने शुक्रवार को घोषणा की कि उसने हुती विद्रोहियों की वित्तीय मदद करने वाले ईरान में स्थित सैद अल-जमाल की ओर से कथित तौर पर ईरानी सामान लाने- ले जाने के लिए हांगकांग और संयुक्त अरब अमीरात में दो कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं। इन कंपनियों के चार जहाजों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। वहीं, ईरान ने ओमान की खाड़ी में तेल के एक टैंकर को जब्त करने का फुटेज जारी किया है जो एक समय में तेहरान और वाशिंगटन के बीच विवाद का केंद्र था।

RELATED ARTICLES

‘द दिल्ली फाइल्स’ का नाम बदला गया, अब ‘द बंगाल फाइल्स: राइट टू लाइफ’ के नाम से होगी रिलीज़

पब्लिक डिमांड पर बदला गया फिल्म का नाम: अब 'द दिल्ली फाइल्स' नहीं, 'द बंगाल फाइल्स: राइट टू लाइफ' मुंबई:निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की चर्चित...

नदी पर बने पुल के नीचे रहस्यमय परिस्थितियों में मिला पुलिसकर्मी का शव

बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में 42 वर्षीय एक कांस्टेबल कैंट थाना क्षेत्र में नकटिया नदी पर बने पुल के नीचे रहस्यमय परिस्थितियों में...

भारत पर बुरी नजर रखने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना मेरी जिम्मेदारी, दिल्ली में बोले रक्षामंत्री

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि सशस्त्र बलों के साथ मिलकर काम करना और भारत पर बुरी नजर रखने...

Latest Articles